MP Khandwa Hadsa : मध्य प्रदेश के खंडवा जिले के पाड़ल फाटा गांव में हादसे में 11 लोगों की मौत के बाद मस्तम पसरा हुआ है। घटना के बाद पूरा गांव शोक में डूब गया है। मौत के बाद से घरों में चूल्हा नहीं जला, सभी परिवारों में मातम पसरा है। बच्चे भूखे-प्यासे थे, किसी भी घर में खाना नहीं बना। यह पहली बार था कि इस छोटे से गांव में इतनी मौतें हुई हैं।
ग्रामीणों ने केवल एक बार भोजन देने की मांग की, लेकिन विधायक और मंत्री ने मदद करना ज़रूरी नहीं समझा। इस दुखद घटना में अपने 11 बच्चों को खोने वाले परिवारों के लिए मुख्यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री तक ने सोशल मीडिया पर शोक संदेश दिए, पर प्रशासन का रवैया बहुत ठंडा रहा।
सरकार ने घोषणा की पर खाना नहीं दिया – ग्रामीण
ग्रामीणों ने प्रशासन और नेताओं से मदद की गुहार लगाई, पर उन्हें कोई मदद नहीं मिली। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी यहाँ आए, पर केवल आश्वासन ही दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख रुपये और गंभीर घायलों को 1-1 लाख रुपये की मदद दी जाएगी। प्रधानमंत्री ने भी शोक संदेश भेजा और दो लाख रुपये का समर्थन घोषित किया। स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन ने सिर्फ जल्दी हेलीपेड बनाने का काम किया, लेकिन शवों को निकालने का रास्ता कीचड़ से भरा था, जहां शवों की यात्रा करना मुश्किल था।
विधायक बोले – मैं कहां से मदद करूँ’
मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह का कहना था, “शाम तक मदद कर देंगे।” विधायक ने कहा, “मैं कहां से मदद कर सकता हूं?” गाँव के पटवारी ने बताया कि सरकार ने अनाज देने का निर्देश दिया है, पर खाना बनाने का इंतजाम नहीं है। कांग्रेस नेता जीतू पटवारी ने कहा कि सरकार को पीड़ित परिवारों को 1 करोड़ रुपये देना चाहिए।
मूर्ति विसर्जन के दौरान हुआ था हादसा
गौरतलब है कि खंडवा में गुरुवार को विजयदशमी के दिन दुर्गा मूर्ति विसर्जन के दौरान 11 लोग नदी में डूब गिर गए थे। जिससे 11 बच्चों की नदी में डूबने से मौत हो गई थी। ये बच्चे मूर्ति विसर्जन के दौरान तालाब में डूब गिरे थे। सभी एक ही गांव के किशोर थे। हादसे में मरने वाले बच्चों की उम्र 20 वर्ष से कम थी। इस हादसे पर सीएम मोहन यादव के साथ-साथ पीएम मोदी ने भी दुख जाहिर किया था।