हनुमान जयंती। संकट कटैय मिटैय सब पीरा, जो सुमिरय हनुमत बल बीरा, शायद सही ही लिखा गया है। भक्तों के हर कष्ट को मिटाने वाले वीर हनुमान की जयंती आज एमपी में पूरे आस्था और श्रृद्धा के साथ मनाई जा रही है। हनुमान जी से जुड़े कई रहस्य और चमत्कार हैं। वे भगवान शिव के अवतार हैं, पवन पुत्र भी कहे जाते हैं, और कई देवी-देवताओं से वरदान प्राप्त हैं। हनुमान जी को अमरता प्राप्त है और वे हर युग में बुराई से लड़ने और भक्तों का कल्याण करने के लिए प्रकट होते हैं।
9 छोटी तोपों की सलामी
संकटमोचन हनुमान को इस युग का देवता माना जाता है। अपनी पीड़ा और कष्ट में भक्त उनकों पुकराते है। शानिवार और हनुमान जयंती एक साथ होने के कारण हनुमान मंदिरों में आस्था का सैलाब देखा गया। एमपी के शिवपुरी में सिंधिया राजवंश की छत्री में मौजूद हनुमान मंदिर में 9 छोटी तोपों की सलामी दी गई। मुख्यमंत्री मोहन यादव भोपाल के एयरपोर्ट पर बने हनुमान मंदिर में पूजा-अर्चना किए। उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर में भगवान का विशेष श्रृगार किया गया। इंदौर का रणजीत हनुमान मंदिर पूरी तरह से बृजधाम के रूप में नजर आया।
1 लाख 11 हजार 111 बार पाठ
रतलाम में हनुमान जयंती पर नेहरू स्टेडियम में सेवावीर परिवार द्वारा 1 लाख 11 हजार 111 बार सामूहिक हनुमान चालीसा का पाठ संतों की मौजूदगी में किया गया। 10 हजार से ज्यादा लोगों ने हनुमान चालीसा का पाठ किया। जबलपुर में स्कूल के बच्चों ने आज हनुमान जयंती पर हनुमान चालीसा का पाठ किया। इस दौरान स्कूल परिवार के लोग मौजूद रहे।
रीवा में आस्था का सैलाब
रीवा के ऐतिहासिक चिरूहुला नाथ मंदिर में सुबह से ही भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। भक्त अपनी मनोकामानाएं लेकर मंदिर में पूजा-अर्चना किए। चिरूहुला नाथ को धार्मिक रूप से जिला दरवार यानि कि जिला अदालत भी कहा जाता है। इसी तरह रामसगार दूसरे नंबर के एवं खेम सागर बड़े हनुमान के नाम से सुविख्यात है। यहा भक्त अपनी समस्या लेकर आते है और भगवान के पास अपनी अर्जी लगाते है।