Damoh News: मध्य प्रदेश के दमोह जिले में एक ओबीसी युवक से ब्राह्मण युवक के पैर धुलवाकर पानी पिलाने की घटना पर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया है। चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय शराफ की खंडपीठ ने इस मामले को गंभीर मानते हुए दमोह पुलिस और जिला प्रशासन को सख्त निर्देश जारी किए हैं।
MP High Court’s decision on Damoh incident: मध्य प्रदेश के दमोह जिले के सतरिया गांव में एक ओबीसी युवक को ब्राह्मण युवक के पैर धुलवाकर पानी पिलाने की अमानवीय घटना पर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया है। चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय शराफ की खंडपीठ ने इसे जातीय भेदभाव और मानवीय गरिमा का गंभीर उल्लंघन मानते हुए दमोह पुलिस और जिला प्रशासन को कड़े निर्देश जारी किए हैं। कोर्ट ने आरोपियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत कार्रवाई करने का आदेश दिया है।
इस तरह के कृत्य हिंदू समाज के सौहार्द के लिए खतरा: हाई कोर्ट
हाई कोर्ट ने कहा कि इस तरह के कृत्य हिंदू समाज के सौहार्द के लिए खतरा हैं और सामाजिक विभाजन को बढ़ावा देते हैं। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 15 अक्टूबर, 2025 को निर्धारित की है और पुलिस से विस्तृत जांच रिपोर्ट मांगी है। घटना का वीडियो वायरल होने के बाद पूरे प्रदेश में आक्रोश फैल गया था। वीडियो में अनुज पांडे द्वारा पुरुषोत्तम कुशवाहा को मजबूर कर पैर धुलवाकर पानी पिलाने का दृश्य दिखाया गया था।
शराब की अवैध बिक्री को लेकर हुआ था विवाद
बताया गया कि गांव में शराब की अवैध बिक्री को लेकर विवाद हुआ था। पंचायत द्वारा शराब बेचने पर जुर्माना लगाए जाने के बाद पुरुषोत्तम कुशवाहा ने सोशल मीडिया पर अनुज पांडे की एक एडिटेड तस्वीर पोस्ट की, जिसमें उन्हें जूतों की माला पहने दिखाया गया था। इसके बाद तनाव बढ़ा और पंचायत में यह अमानवीय कृत्य कराया गया।
कलेक्टर ने घटना को बताया दुर्भाग्यपूर्ण
वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए चार नामजद आरोपियों सहित अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया और दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। एसपी श्रुतकीर्ति सोमवंशी ने बताया कि सामाजिक तनाव को रोकने के लिए सतरिया गांव में पुलिस बल तैनात किया गया है। कलेक्टर सुधीर कोचर ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की।
कांग्रेस ने साधा सरकार पर निशाना
कांग्रेस ने इस घटना को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधा है, जबकि प्रशासन शांति बनाए रखने के लिए प्रयासरत है। हाई कोर्ट के सख्त रुख के बाद उम्मीद है कि आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई होगी और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोका जा सकेगा।