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MP: हाईकोर्ट ने जीएनएम भर्ती नियमों को सही ठहराया, ग्रामीण स्वास्थ्य सुविधाओं पर दिया जोर

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MP High Court: नए नियमों के तहत इस कोर्स के लिए बायोलॉजी विषय के साथ 12वीं कक्षा पास करना अनिवार्य कर दिया गया है। इस बदलाव को हरदा के लाल बहादुर शास्त्री व्यवसायिक अध्ययन महाविद्यालय सहित 39 अन्य संस्थानों ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।

MP High Court: मध्य प्रदेश, जो मातृ मृत्यु दर में देश में शीर्ष पर रहा है, ने इस दर को कम करने के लिए जीएनएम (जनरल नर्सिंग एंड मिडवाइफरी) भर्ती नियमों 2024 में बदलाव किया है। नए नियमों के तहत इस कोर्स के लिए बायोलॉजी विषय के साथ 12वीं कक्षा पास करना अनिवार्य कर दिया गया है। इस बदलाव को हरदा के लाल बहादुर शास्त्री व्यवसायिक अध्ययन महाविद्यालय सहित 39 अन्य संस्थानों ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।

याचिकाकर्ताओं का तर्क था कि बायोलॉजी की अनिवार्यता के कारण जीएनएम कोर्स में उम्मीदवारों की कमी हो रही है। इस वर्ष केवल 139 सीटें भरी गईं, जबकि 8388 सीटें अभी भी खाली हैं। उन्होंने मांग की थी कि सरकार को नियमों में संशोधन के लिए निर्देश दिए जाएं ताकि खाली सीटें भरी जा सकें।

हाईकोर्ट की जस्टिस अतुल श्रीधरन और जस्टिस डीके पालीवाल की खंडपीठ ने शुक्रवार को सुनवाई के दौरान सरकार के नियमों और योग्य उम्मीदवारों की नियुक्ति के लिए कड़े मानदंडों को उचित ठहराया। कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि ये नियम मातृ मृत्यु दर को कम करने के लिए जरूरी हैं।

हालांकि, कोर्ट ने सरकार को सलाह दी कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य केंद्रों और एम्बुलेंस की संख्या बढ़ाने के साथ-साथ बेहतर सड़कें भी उपलब्ध कराई जाएं, ताकि मरीजों को समय पर इलाज मिल सके। राज्य सरकार की ओर से उपमहाधिवक्ता अभिजीत अवस्थी और इंडियन नर्सिंग काउंसिल की ओर से अधिवक्ता मोहन सौंसरकर ने पक्ष रखा।

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