MP High Court News: हाई कोर्ट ने गृह निर्माण संस्था को राहत देते हुए कॉलोनी का नक्शा पास करने के लिए सहकारिता विभाग से अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) की आवश्यकता समाप्त कर दी। न्यायमूर्ति प्रणय वर्मा ने आदेश जारी कर नगर एवं ग्राम निवेश विभाग को नक्शा स्वीकृत करने का निर्देश दिया।
MP High Court News: मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने मेघना गृह निर्माण सहकारी संस्था को बड़ी राहत देते हुए कालोनी का नक्शा पास कराने के लिए सहकारिता विभाग की अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) की आवश्यकता को समाप्त कर दिया। न्यायमूर्ति प्रणय वर्मा ने यह महत्वपूर्ण आदेश जारी करते हुए नगर एवं ग्राम निवेश विभाग को कालोनी का नक्शा स्वीकृत करने का निर्देश दिया।
मामला मेघना गृह निर्माण सहकारी संस्था से जुड़ा है, जिसने अपनी कालोनी का नक्शा स्वीकृत कराने के लिए नगर एवं ग्राम निवेश विभाग में आवेदन किया था। हालांकि, विभाग ने सहकारिता विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र न होने का हवाला देते हुए नक्शा स्वीकृत करने से इनकार कर दिया।
सहकारिता विभाग ने दिया अपना तर्क
सहकारिता विभाग ने तर्क दिया कि उनके नियमों में अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने का कोई प्रावधान नहीं है, जिसके कारण वे इसे जारी नहीं कर सकते। इस स्थिति में संस्था ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की। सुनवाई के दौरान संस्था ने तर्क दिया कि वे अपने सदस्यों को भूखंड आवंटित करना चाहते हैं, लेकिन इसके लिए कालोनी का नक्शा स्वीकृत होना अनिवार्य है। उन्होंने यह भी बताया कि सहकारिता विभाग के नियमों में अनापत्ति प्रमाण पत्र का प्रावधान ही नहीं है।
हाई कोर्ट ने फैसले में क्या कहा?
हाई कोर्ट ने संस्था के तर्कों को स्वीकार करते हुए नगर एवं ग्राम निवेश विभाग के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें अनापत्ति प्रमाण पत्र की कमी के आधार पर नक्शा खारिज किया गया था। कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिए कि नगर एवं ग्राम निवेश विभाग सहकारिता विभाग के अनापत्ति प्रमाण पत्र के बिना ही कालोनी का नक्शा स्वीकृत करे।