Site icon SHABD SANCHI

MP: प्रदेश सरकार ने जारी किए प्रमोशन के नियम, जानें इसके बारे में

mp news

mp news

New Rules for MP Promotion: सरकार ने कहा कि नए नियमों का उद्देश्य कर्मचारियों को समयबद्ध प्रमोशन देकर उनकी कार्यक्षमता और उत्साह को बढ़ाना है। नए नियमों में अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) वर्ग को प्रमोशन में पर्याप्त प्रतिनिधित्व देने पर जोर दिया गया है। सीधी भर्ती में SC को 16% और ST को 20% आरक्षण के अनुरूप प्रमोशन में भी इन्हें अवसर दिए जाएंगे।

New Rules for MP Promotion: मध्य प्रदेश सरकार ने मोहन यादव कैबिनेट द्वारा मंजूर मध्य प्रदेश लोक सेवा पदोन्नति नियम-2025 को लागू कर दिया है। कैबिनेट की मंजूरी के 48 घंटे के भीतर सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) ने नियमों को अधिसूचित कर गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया। ये नियम तत्काल प्रभाव से लागू हो गए हैं।

प्रमोशन में देरी से कर्मचारियों का मनोबल प्रभावित

सरकार ने कहा कि पिछले 9 साल से प्रमोशन प्रक्रिया बंद होने के कारण कई कर्मचारी और अधिकारी बिना पदोन्नति के रिटायर हो रहे हैं। इससे न केवल कर्मचारियों का मनोबल कम हुआ है, बल्कि प्रशासनिक कार्यक्षमता पर भी विपरीत असर पड़ा है। नए नियमों का उद्देश्य कर्मचारियों को समयबद्ध प्रमोशन देकर उनकी कार्यक्षमता और उत्साह को बढ़ाना है।

आरक्षित वर्ग को प्राथमिकता

नए नियमों में अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) वर्ग को प्रमोशन में पर्याप्त प्रतिनिधित्व देने पर जोर दिया गया है। सीधी भर्ती में SC को 16% और ST को 20% आरक्षण के अनुरूप प्रमोशन में भी इन्हें अवसर दिए जाएंगे। साथ ही, प्रशासनिक दक्षता और योग्यता को भी प्राथमिकता दी गई है।

विभागीय पदोन्नति समिति (DPC) का गठन

प्रमोशन के लिए प्रत्येक संवर्ग के पदों को अलग से चिह्नित किया जाएगा। इसके लिए एक विभागीय पदोन्नति समिति बनाई जाएगी, जिसमें ये शामिल होंगे-

अध्यक्ष: विभाग के सचिव या विभागाध्यक्ष।

सदस्य: GAD का उपसचिव या उससे उच्च पद का अधिकारी।

SC/ST प्रतिनिधित्व: यदि समिति में SC या ST वर्ग का कोई सदस्य नहीं है, तो संबंधित वर्ग का द्वितीय श्रेणी अधिकारी शामिल किया जाएगा। यदि समिति किसी मामले में निर्णय नहीं ले पाती, तो मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति (विभाग के सचिव और GAD सचिव सहित) फैसला लेगी। यह समिति 2024 से 2028 तक प्रभावी रहेगी।

कर्मचारी की सेवा अवधि और CR का मूल्यांकन

सेवा अवधि: कर्मचारी की सेवा अवधि उस चयन वर्ष तक गणना की जाएगी, जिसके लिए DPC की बैठक हो रही है। उदाहरण: यदि कोई कर्मचारी दिसंबर 2021 में फीडर संवर्ग में आया, तो 31 दिसंबर 2025 तक उसकी 5 वर्ष की सेवा पूरी होगी।

CR मूल्यांकन: प्रमोशन के लिए पिछले 5 वित्तीय वर्षों की गोपनीय प्रतिवेदन (CR) की जांच होगी। यदि 2 CR उपलब्ध नहीं हैं, तो 7 वर्षों की CR पर विचार किया जा सकता है। उदाहरण के लिए- 2026 की DPC बैठक (31 दिसंबर 2027 तक के पदों के लिए) में 2020-21 से 2024-25 तक की CR देखी जाएगी। यदि 2 वर्ष की CR अनुपलब्ध हैं, तो 2018-19 और 2019-20 की CR पर विचार होगा। अंतिम 2 वर्षों में से कम से कम 1 वर्ष की CR अनिवार्य होगी।

विशेष प्रावधान

यदि कोई CR अवधि में No Report Certificate है, तो उसे मूल्यांकन में शामिल नहीं किया जाएगा।

स्वमूल्यांकन के आधार पर 1 वर्ष की CR का औसत लिया जा सकता है।

6 महीने से अधिक की CR उपलब्ध होने पर ही उसे मान्य माना जाएगा।

CR अनुपलब्ध होने पर क्या होगा?

यदि किसी कर्मचारी की CR उपलब्ध नहीं है, तो उसका नाम DPC में विचार के लिए परिभ्रमण में नहीं रखा जाएगा। अन्य पात्र कर्मचारियों को प्रमोशन दिया जाएगा। CR उपलब्ध होने पर अगली DPC में विचार होगा, और पात्र पाए जाने पर वरिष्ठता पहले की तरह बहाल की जाएगी।

सीनियॉरिटी और आरक्षण के आधार पर प्रमोशन

प्रमोशन प्रक्रिया: खाली पदों की गणना सीनियॉरिटी और आरक्षण नियमों के आधार पर होगी। उदाहरण के लिए- यदि किसी संवर्ग में 25 पद हैं, जिनमें ST के 5 और SC के 4 पद आरक्षित हैं, और पहले से 2 ST व 2 SC कर्मचारी हैं, तो 11 पद खाली होंगे। इनमें 3 ST, 2 SC और 6 अनारक्षित पदों पर प्रमोशन होगा। यदि 5 पद खाली हैं, तो फीडर संवर्ग की वरिष्ठता सूची से अधिकतम 14 कर्मचारियों (2×5 + 4) के नाम बुलाए जाएंगे। प्रथम श्रेणी पदों के लिए 5 वर्ष की CR में न्यूनतम 15 अंक जरूरी। आरक्षित वर्ग के लिए न्यूनतम 14 अंक हो सकते हैं, लेकिन प्रमोशन केवल आरक्षित पदों पर ही होगा।

DPC का तुलनात्मक मूल्यांकन

DPC कर्मचारियों की CR के आधार पर 2 श्रेणियां बनाएगी
20 अंक: 5 वर्ष की CR में 20 अंक पाने वाले कर्मचारी।
15-19 अंक: 5 वर्ष की CR में 15 से 19 अंक पाने वाले कर्मचारी।
एक से अधिक कर्मचारियों के समान अंक होने पर संयुक्त सूची बनाई जाएगी।

प्रमोशन में अयोग्यता के आधार

कर्मचारी को प्रमोशन नहीं मिलेगा यदि वह निलंबित हो।

उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही लंबित हो।

आपराधिक आरोप में कोर्ट में चालान पेश हो या आरोप तय हो।

जिन कर्मचारियों को विभागीय सजा मिली हो, ऐसे मामलों में पद अस्थायी रूप से भरे जाएंगे। कर्मचारी के दोषमुक्त होने पर सीलबंद अनुशंसा खोली जाएगी, और पात्र होने पर प्रमोशन दिया जाएगा।

सरकार की कानूनी तैयारी

GAD ने आशंका जताई है कि मध्य प्रदेश लोक सेवा पदोन्नति नियम-2025 को उच्च न्यायालय में चुनौती दी जा सकती है। इसके लिए केविएट दायर करने का निर्णय लिया गया है। GAD के अपर सचिव अजय कटेसरिया ने बताया कि जबलपुर, इंदौर, और ग्वालियर की उच्च न्यायालय खंडपीठों में केविएट दायर की जा रही है।

Exit mobile version