8th Pay Commission News MP: आपने पहले भी देखा होगा कि एमपी की मोहन सरकार कर्मचारियों पर जमकर मेहरबान है. प्रदेश में कर्मचारी अधिकारियों को केन्द्र के समान महंगाई भत्ता और सालों से अटके HRA सहित कई दूसरे भत्ते मिल चुके हैं. ऐसे में प्रदेश के कर्मचारी यही आशा लगाए बैठे हैं की केंद्र के साथ ही हमारा भी नया वेतनमान लागू हो जायेगा. ये बात अलग है की कर्मचारी संगठन खुद भी मान रहे हैं कि अभी इसमें काफी समय लगेगा.
यह इस बात पर निर्भर करता है कि केन्द्र सरकार अपने कर्मचारियों को कब से 8वें वेतनमान का लाभ देना शुरू करती है. लेकिन केन्द्र सरकार द्वारा इसे लागू करने के बाद उम्मीद है मध्य प्रदेश सरकार भी इसका लाभ कर्मचारियों को देना शुरू कर दे.
8वें वेतनमान के जमकर मिलेगा कर्मचारियों को पैसा
मध्य प्रदेश में 8वें वेतनमान के बाद कर्मचारियों की सैलरी रॉकेट की तेजी से बढ़ जाएगी. पिछले वेतनमान के हिसाब से देखें तो 8वें वेतनमान में भी करीबन 15 फीसदी तक की बढ़ोत्तरी हो सकती है. 7वें वेतनमान में राज्य सरकार ने प्रदेश के कर्मचारियों के वेतनमान में 14 फीसदी की बढ़ोत्तरी की थी. इस तरह यदि प्रदेश के कर्मचारियों को 8वें वेतनमान में लाभ दिया गया तो द्वितीय श्रेणी से लेकर चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की सैलरी में 5 हजार से लेकर 11 हजार रुपए तक की बढ़ोत्तरी हो सकती है.
इसका सबसे ज्यादा लाभ तृतीय श्रेणी के कर्मचारियों को मिलेगा. प्रदेश में तृतीय श्रेणी कर्मचारियों की संख्या 4 लाख 84 हजार से ज्यादा है. इसलिए सबसे ज्यादा लाभ इन्हीं कर्मचारियों को मिलेगा.
MP Employees Salary after 8th pay commission
8वां वेतनमान लागू होते ही सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में तेजी से उछाल होगा. फिटमेंट फैक्टर के अनुसार यदि एक फोर्थ ग्रेड कर्मचारी यानी चपरासी की बेसिक सैलरी यदि 18 हजार रुपये है तो यह बढ़कर 51 हजार के आसपास हो सकती है. वहीं सीनियर अधिकारियों यानी IAS लेवल के अधिकारियों की सैलरी 2.5 लाख से सीधे 7 लाख के आसपास पहुंच जाएगी.
क्या है फिटमेंट फैक्टर जान लीजिए
फिटमेंट फैक्टर वो फार्मूला है जिसमें वर्तमान बेसिक सैलरी को गुणा करके नई सैलरी फिक्स होती है. 8वां वेतन आयोग कई रिसर्च के बाद फिटमेंट फैक्टर तय करता है. सातवें वेतन आयोग का फिटमेंट फैक्टर 2.57 था. यदि सरकार न्यूनतम फिटमेंट फैक्टर 1.92 को अपनाती है तो मूल वेतन 18,000 रुपए से बढ़कर 34,560 रुपए हो जाएगा. यदि सरकार अधिकतम फिटमेंट फैक्टर 2.86 को अपनाती है तो कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 18000 रुपए से बढ़कर 51,480 रुपए हो जाएगा.
Calculation according fitment factor
यदि बेसिक सैलरी 18 हजार है और फिटमेंट फैक्टर 1.92 हुआ तो कैलकुलेशन ऐसे होगा. 18000×1.92=34,560 रुपए नई सैलरी होगी. ऐसे ही यदि फिटमेंट फैक्टर 2.86 हुआ तो 18000×2.86=51,480 रुपये सैलरी होगी.
आयोग की सिफारिशों का इंतजार
केन्द्र सरकार ने 8वें वेतनमान के लिए अभी पे कमीशन के गठन की मंजूरी दी है. 8वें वेतन आयोग का कार्यकाल ही 1 जनवरी 2026 से शुरू होगा. केन्द्रीय आयोग अपनी सिफारिश कितने समय में देता है यह देखना होगा. 7वें वेतनमान आयोग ने अपनी सिफारिश में डेढ़ साल का समय लिया था.
8वें वेतनमान पर कर्मचारी नेताओं की राय
मंत्रालय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सुधीर नायक कहते हैं कि “प्रदेश के कर्मचारियों को भी केन्द्रीय वेतनमान आयोग की सिफारिशों का इंतजार रहेगा. इन सिफारिशों के आधार पर ही केन्द्र सरकार केन्द्रीय कर्मचारियों के वेतनमान में बढ़ोत्तरी करेगी. इन सिफारिशों के आधार पर ही मध्य प्रदेश में भी इसे लागू कराने के लिए सरकार से मांग शुरू की जाएगी.”
मध्य प्रदेश राज्य कर्मचारी संघ के पदाधिकारी जितेन्द्र सिंह ने कहा की “अभी केन्द्र में यह लागू हो जाए उसके बाद ही इसको लेकर सरकार से मध्य प्रदेश में इसे लागू करने की मांग की जाएगी.”
इन कारकों पर निर्भर करेगा यह वेतनमान
आपको बता दें की कुछ कारक होते हैं जिनपर यह निर्भर करता है जी हां मसलन विशेषज्ञों की मदद से वेतनमान का केलकुलेशन करना, महंगाई दर, कर्मचारियों की वर्तमान स्थितियों का परीक्षण कर वेतनमान की अनुशंसा रिपोर्ट तैयार कर सरकार को सौंपती है. इसके बाद सरकार वेतन बढ़ोत्तरी का निर्णय लेती है. इसमें काफी समय लग जाता है. 7वें वेतन आयोग को अपनी सिफारिश देने में डेढ़ साल का समय लगा था.