MP Election 2024: मध्यप्रदेश में इन दिग्गजों में से कौन बन सकता है सीएम? यहां जानिएमध्यप्रदेश में 17 नवंबर को वोटिंग की जा चुकी है. कैंडिडेट्स के किस्मत को जनता ने मत पेटी में बंद कर दिया है. अगले महीने के 3 तारीख को अब यह पता चलेगा कि जनता ने किसको सत्ता का चाभी सौंपा है और किसे बाहर का रास्ता दिखाया है.
इन चुनावी माहौल के बीच एक और खबर है जो लोगों के बीच में चर्चा का विषय बना हुआ है. अब सवाल यह है कि,अगर इस बार मध्यप्रदेश के चुनाव में भाजपा की वापसी होती है तो भाजपा की ओर से कौन होगा मुख्यमंत्री. दरअसल, हर बार की तरह इस बार बीजेपी ने मध्यप्रदेश में अपने मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा नही की है. पार्टी ने इस मशले पर कहा की इस बार के चुनाव को हम सामूहिक नेतृत्व के साथ लड़ रहे हैं. इस चुनाव में पार्टी ने पीएम मोदी का चेहरा आगे कर इस चुनाव को भुनाने की कोशिश की है. वहीं, चेहरे के सवाल पर सीएम शिवराज सिंह चौहान भी चुप्पी साधे हुए हैं. हालांकि पार्टी का कहना है कि नतीजे आने के बाद इस पर पार्टी का संसदीय बोर्ड बैठकर चर्चा करेगा.
प्रहलाद सिंह पटेल का नाम सबसे आगे
मध्यप्रदेश में पार्टी ने इस बार केन्द्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल को चुनावी मैदान में उतारा है. वह मध्यप्रदेश भाजपा के दिग्गज नेता हैं. पटेल अटल बिहारी वाजपयी से लेकर मोदी सरकार के कैबिनेट में मंत्री रहे हैं. इस बार के चुनाव में पटेल नरसिंहपुर से मैदान में है. प्रदेश की राजनीति में शिवराज सिंह चौहान के बाद वही OBC के सबसे बड़े नेता हैं. अगर बिजेपी की वापसी इस बार के चुनाव में होती है तो पार्टी इनके नाम पर विचार कर सकती है.
फग्गन सिंह कुलस्ते
वहीं, आदिवासी वोटरों को साधने के लिए एक और नाम है पार्टी के पास. आदिवासी वोटरों को साधने के लिए भाजपा एक नया दांव खेल सकती है. एमपी में 47 विधानसभा के ऐसे सीट हैं जो आदिवासी बहुल है। बीजेपी को 2018 के चुनाव में तगड़ा झटका लगा था. फग्गन सिंह चौहान भी आदिवासी समाज से ही आते हैं और वो अपने निवास स्थान से ही इस बार चुनाव लड़ रहे हैं. अगर पार्टी सत्ता में वापस लौटती है तो इनकी भाग्य भी चमक सकती है.
नरेन्द्र सिंह तोमर
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर राज्य में चुनाव प्रबंधन समिति के नए संयोजक बने हैं। शुरुआती दौर में इनके नाम की चर्चा सबसे आगे थी. नरेंद्र सिंह तोमर दिमनी विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में हैं। लेकिन तोमर बेटे की वीडियो की वजह से इनकी दावेदारी पर असर पड़ सकता है। साथ ही जाति भी एक फैक्टर हो सकता है। हालांकि रेस से अभी बाहर भी हो सकते हैं।
कैलाश विजयवर्गीय भी हैं दावेदार
बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय भी इस बार एमपी के चुनावी मैदान में हैं। पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव होने के बाद से वे पार्टी से साइडलाइन चल रहे थे। पार्टी ने उनके बेटे का टिकट काटकर उन्हें मैदान में उतारा है। साथ ही क्षेत्र में वो दावा भी करते हैं कि मैं यहां विधायक बनने नहीं आया हूं।