MP Election 2023: विंध्य में कांग्रेस और बीजेपी में कांटे की टक्कर, क्या कहते हैं आंकड़े?

MP Vidhansabha Election 2023

MP election date: विध्य क्षेत्र की 30 सीटों में BJP और congress के बीच कांटे की टक्कर है। मध्यप्रदेश के पूर्वी उत्तरी और उत्तरी-दक्षिणी क्षेत्र में विस्तृत विध्यांचल को बघेलखंड के रूप में भी जाना जाता है। प्रशासनिक दृष्टि से विंध्य मुख्य रूप से रीवा और शहडोल संभाग में विभाजित है। इस अंचल में विधानसभा की कुल 30 में से 18 सीटें अनारक्षित हैं। जबकि 9 सीट ST और 3 सीटें SC वर्ग के लिए रिजर्व हैं। इन्हीं में से शहडोल संभाग की कुल 8 में से 7 सीटें एसटी वर्ग के लिए आरिक्षत हैं। इस संभाग की मात्र एक सीट अनारक्षित है, जबकि रीवा संभाग में एससी के लिए 3 और एसटी के लिए 2 सीटें आरक्षित हैं।

बीजेपी सबसे बड़ा दल

Vindhya political news: 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को विध्य की कुल 30 सीटों में से सर्वाधिक 24 सीटें मिली थीं। जबकि कांग्रेस महज 6 सीटों में सिमट कर रह गई थी। तब भगवा लहर इस कदर थी कि कांग्रेस के दो दिग्गज चुनाव हार गए थे। चुरहट से विधानसभा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल और अमरपाटन से विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष डा राजेंद्र कुमार सिंह को पराजय का सामना करना पड़ा था।

MP Vidhansabha Chunav 2023: रीवा जिले की सभी 8 सीटों पर भाजपा अपना भगवा फहराने में कामयाब रही थी। इस अंचल में रीवा संभाग की तकरीबन हर सीट पर थर्ड फ्रंट होने के बाद भी बहुजन समाज पार्टी का पत्ता साफ हो गया था। बसपा अबकि भाजपा और कांग्रेस के बागियों की दम पर एक बार फिर से मुकाबले पर है। विध्य में भाजपा को रोकने के लिए, नारायण त्रिपाठी (Narayan Tripathi) की नई पार्टी विध्य जनता पार्टी (विजेपी) भी मोर्चाबंदी की कोशिश में है। विंध्य में भाजपा जहां अपनी सीटें बचाकर बर्चस्व बनाए रखने की चुनावी रणनीति पर काम कर रही है। वहीं कांग्रेस इन्हें कब्जाने की हर संभव कोशिश में है। दोनों के बीच वर्चस्व के लिए कांटे का संघर्ष है

पिछले चुनाव में BJP विंध्य की सबसे बड़ी पार्टी

राजनीतिक मामलों के जानकारों की राय में 230 सदस्यीय राज्य विधानसभा में सरकार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा 116 है। ऐसे में एक-एक सीट के साथ जय विंध्य की 30 सीटों की बड़ी अहमियत है। 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को जहां मालवा में सबसे ज्यादा 34 सीटें मिली थीं, वहीं विंध्य और मध्यक्षेत्र की 24-24 की सीटें लेकर भाजपा शीर्ष पर रही थी। तब चंबल और बुंदलेखंड ने उसे 17-17 और थी। महाकोसल ने सबसे कम 13 सीटें दी थीं। भाजपा के चुनावी रणनीतिकारों की मानें के तो उन्हें अभी भी सर्वाधिक भरोसा विंध्य से ही है।

आदिवासियों के आंगन में कैसे-कैसे जतन

आदिवासियों का आंगन कहे जाने वाले विंध्य के शहडोल संभाग की 8 विधानसभा सीटों के लिए भाजपा के चुनावी रणनीतिकार पिछले एक साल से खूब के जतन कर रहे हैं। संभागीय मुख्यालय शहडोल को केंद्र में रख कर भाजपा इस क्षेत्र से लगे डिंडौरी और मंडला के गोंडवाना तक आदिवासी समुदाय को भरोसा देने का संदेश पहुंचाती नजर आ रही है.

शहडोल आईं थी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

15 नवंबर 2022 को शहडोल के लालपुर जनजाति गौरव दिवस का राज्यस्तरीय आयोजन में राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू के मुख्य अतिथि के रूप में आई थी. राष्ट्रपति बनने के बाद यह उनका प्रथम प्रवास था। राष्ट्रपति की मौजूदगी में ही सीएम शिवराज सिंह चौहान ने आदिवासी समुदाय के पारंपरिक एवं सामाजिक व्यवस्था को मान्यता देने पर आधारित पेसा एक्ट लागू करने की घोषणा की थी। अगले ही दिन यह एक्ट प्रभाव में आ गया था।

प्रधानमंत्री 1 जुलाई 2023

को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने शहडोल के लालपुर में ही राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन-2047को लॉन्च किया था।

और, अब अमित शाह चुनाव प्रचार

अभियान के दौरान 29 अक्टूबर को रीवा में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने रीवा और शहडोल संभाग के चुनिंदा पार्टी पदाधिकारियों के साथ बंद कमरे में चुनावी समीक्षा की।

कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष लालपुर में राहुल गांधी(Rahul Gandhi ) ने 10 अक्टूबर को जहां ब्यौहारी (शहडोल) की जनाक्रोश रैली में शिरकत की थी, वहीं हाल ही में कांग्रेस की राष्ट्रीय महसचिव प्रियंका गांधी ने मंडला के रामनगर में जनाक्रोश रैली को संबोधित किया। कांग्रेस के निशाने पर भी विंध्य का आदिवासी वोट बैंक है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *