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एमपी सीएम मोहन यादव ने कहा, विवाह और मृत्यु भोज जैसे आयोजनों में फिजूल खर्ची को रोके

Madhya Pradesh Chief Minister Mohan Yadav addressing a large religious gathering and urging social restraint

इंदौर। विवाह और मृत्यु भोज जैसे आयोजनों में फिजूल खर्ची को रोककर अपनी बचत और संसाधनों का उपयोग बच्चों को पढ़ाने-लिखाने और परिवार की बेहतरी में करें। यह बाते मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रविवार को इंदौर जिले के क्षिप्रा में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान गंगा सह 251 जोड़ों के सामूहिक विवाह समारोह को संबोधित करते हुए कही है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि सनातन संस्कृति के 16 संस्कारों में पाणिग्रहण संस्कार का विशेष महत्व है। यह संस्कार ही परिवार परंपरा की निरंतरता का आधार बनता है। पाणिग्रहण संस्कार का संतों के सानिध्य और सामूहिक विवाह के आनंद के साथ संपन्न होना विशेष संयोग और सौभाग्य का प्रतीक है।

मैनें स्वयं अपने बेटे का सामूहिक विवाह में किए है शादी

मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि सामूहिक विवाह समारोह सामाजिक विभेद और फिजूल खर्ची जैसी बुराइयों की जगह सामाजिक समरसता और मितव्यता का संदेश देने का प्रभावी माध्यम हैं। समाज में सभी को ऐसे आयोजनों को प्रोत्साहित करने में अपना योगदान देना चाहिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने स्वयं का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने भी अपने डॉक्टर बेटे का विवाह सामूहिक विवाह समारोह में ही किया। बिना ऊंच-नीच और जात-पात के भेद के होने वाले सामूहिक विवाह समारोहों का आनंद अद्भुत है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने पुष्प वर्षा कर नव विवाहित जोड़ों को आशीर्वाद प्रदान किए। उत्तम स्वामी जी ने कहा कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. यादव भी सामूहिक विवाह कार्यक्रमों को प्रोत्साहित कर रहे हैं। ऐसे आयोजनों से फिजूलखर्ची रूकती है और समाज में एक अच्छा संदेश भी जाता है।

ये रहे मौजूद

इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर, जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल, हितानंद शर्मा और बड़ी संख्या में नव विवाहित जोड़ों के परिजन उपस्थित रहे।

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