MP CM Mohan Yadav: मंगलवार 16 जनवरी को मुख्यमंत्री मोहन यादव द्वारा चित्रकूट में श्री राम वन गमन पथ की पहली बैठक ली गई. जिसमे प्रभु राम के वन गमन से जुड़े 8 जिलों के विकास कार्य को लेकर चर्चाएं हुई. आपको बता दें कि चित्रकूट के ग्रामोदय विश्वविद्यालय में हुई इस बैठक में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री दिल्ली से सीधा चित्रकूट पहुंचे थे.
“प्रभु राम के जीवन से जुड़ा सबसे बड़ा धार्मिक स्थल बनेगा चित्रकूट”
बैठक में मोहन यादव(MP CM Mohan Yadav) ने कहा “मध्यप्रदेश सरकार चित्रकूट का अयोध्या के तर्ज पर विकास करेगी, जिसे भगवान् श्री राम के जीवन से जुड़ा सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल बनने का कार्य किया जाएगा. सीएम यादव ने बताया कि श्री राम वन गमन पथ के विकास कार्य को चरणबद्ध तरीके से लागू किया. पहले उन सभी स्थानों सड़क मार्ग से जोड़ा जाएगा, जहाँ से वनवास के दौरान प्रभु राम गुज़रे अथवा ठहरे थे.
धार्मिक विद्वानों के दिशा निर्देश से हो रहा काम
बैठक के दौरान अपने बात को जारी रखते हुए मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि धार्मिक विद्वानों के परामर्श और दिशा-निर्देश के अनुसार राम वन गमन पथ के सभी प्रमुख स्थलों का विकास किया जाएगा. सभी अधिकारी जल्द ही इस रोड मैप पर काम शुरू करेंगे. जिसके बाद सरकार आगे के विकासकार्य पर काम करेगी.
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आपको बता दें की इस बैठक के दौरान अमरकंटक में प्रसाद योजना, चित्रकूट में कामदगिरि परिक्रमा पथ और बृहस्पति कुंड, मन्दाकिनी नदी के घाटों के विकास कार्यों की डीपीआर पर भी चर्चा हुई. साथ ही साथ लीला गुरुकुल प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना का प्रस्ताव भी अजेंडा में शामिल था.
बैठक में 11 विभागों की रही भूमिका
बताया जा रहा है कि श्री राम वन गमन पथ न्यास में सरकार के 11 विभागों की महत्वपूर्ण भूमिका है. जिसमे 5 संभागायुक्त और 8 जिलों के कलेक्टर को भी न्यासी सदस्य बनाया गया है. आपको बता दें कि वर्ष 2009 में मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान द्वारा राम वन गमन पथ को विकसित करने की घोषणा की गयी थी. उस वक़्त शिवराज सिंह चौहान द्वारा वनवासी राम लोक बनाने की भी घोषणा की गयी थी.
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