भोपाल। मध्यप्रदेश सराकर की कैबिनेट बैठक मंगलवार को भोपाल में आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने किया। बैठक में सभी मंत्री एवं मंत्रि-परिषद के सदस्य उपस्थित रहे। बैठक में कई अंहम बिन्दुओं पर चर्चा करके कैबिनेट ने फैसले लिए है। जिसमें अविश्वास प्रस्ताव पर अध्यादेश, पुलिस विभाग को टैबलेट दिए जाने, गणेश चर्तुथी पर अवकाश दिए जाने समेत कई प्रमुख बिन्दुओं पर सरकार ने अपनी सहमति दे दिया है। बैठक के बाद मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने मीडिया को जानकारी देते हुए लिए गए प्रमुख निणर्य से अवगत कराए है।
पुलिस विभाग को मिलेगे 25000 टैबलेट
एमपी कैबिनेट ने निणर्य लिया है कि पुलिस अफसरों को 25000 टैबलेट दिए जाऐगे। जिसके तहत पहले चरण में 1,732 अधिकारियों टैबलेट दिए जाएंगे, जिसके बाद चरणबद्ध तरीके से कुल 25,000 टैबलेट खरीदे जाएंगे। 610 लोक अभियोजन अधिकारियों के पद को भी सरकारी ने मंजूरी दी है।
अविश्वास प्रस्ताव पर अध्यादेश
नगरपालिका और नगर परिषद अध्यक्षों के खिलाफ लाए जा रहे अविश्वास प्रस्तावों को रोकने के लिए राज्य सरकार अध्यादेश लाएगी। नगर पालिका-परिषद अध्यक्षों के चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से करवाने पर सरकार विचार कर रही है। मध्य प्रदेश में गणेश चतुर्थी पर छुट्टी देने का प्रावधान भी सरकार की है।
इन बिन्दुओं पर भी निणर्य
बैठके दौरान इंदौर-उज्जैन जानी वाली मेट्रो को पीथमपुर तक ले जाने पर चर्चा। भोपाल मेट्रो से नर्मदापुरम और विदिशा तक ले जाने का प्लान। मेट्रो उज्जैन से इंदौर और फिर इंदौर से पीथमपुर तक चलेगी। इस रूट के निर्माण पर प्रति किलोमीटर ₹9 लाख का खर्च आएगा।
मध्यप्रदेश जल निगम की नल-जल योजना के तहत पीएचई खुद के सोलर प्लांट लगाएगा। इन प्लांटों से विभाग का लक्ष्य 100 मेगावाट बिजली पैदा करना है।
ग्वालियर, चंबल और सागर संभाग में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ग्वालियर में आगामी 29 और 30 अगस्त को रीजनल टूरिज्म कॉन्क्लेव का आयोजन होने जा रहा है।
मध्यप्रदेश अब स्पिरिचुअल हब भी बनता जा रहा है और प्रदेश को धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन का केन्द्र बनाने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में उज्जैन में 27 अगस्त को ग्लोबल स्पिरिचुअल कॉन्क्लेव का आयोजन किया जा रहा है।
मध्यप्रदेश टाइगर स्टेट है और बाघों की सुरक्षा की दृष्टि से कान्हा,बांधवगढ़,पेंच और पन्ना राष्ट्रीय उद्यानों को जोड़ते हुए एक कॉरिडोर बनाया जा रहा है। इसके साथ ही मध्यप्रदेश को बंदरगाहों से जोड़ने की एक परियोजना भी मंजूर की गई है।