एमपी कैबिनेट बैठक: पूरे प्रदेश में लागू होगी शराब बंदी ?

MP Cabinet Meeting Today: देवी अहिल्याबाई की नगरी खरगोन के महेश्वर में शुक्रवार 24 जनवरी को मध्य प्रदेश सरकार की कैबिनेट बैठक हुई। बैठक से पहले सीएम यादव ने महेश्वर किले में गद्दी पूजन की और देवी अहिल्याबाई की 300वीं जयंती के मौके पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की, इस डेस्टिनेशन कैबिनेट मीटिंग की थीम महेश्वर का किला रही, मीटिंग हॉल को किले का स्वरुप दिया गया.

मध्य प्रदेश में शराब बैन

MP Me Sharab Ban Ka Faisla: इस बैठक में वैसे तो कई फैसले लिए गए मगर सबसे ज्यादा चर्चित एमपी में घोषित 17 पवित्र शहरों में शराबबंदी का निर्णय रहा. सीएम यादव ने कुछ दिन पहले ही यह पवित्र नगरों में शराब की दुकानों को बंद करने की घोषणा की थी जिसपर कैबिनेट बैठक में मुहर लगी. सीएम यादव ने कैबिनेट बैठक के बाद ब्रीफिंग की और इसी दौरान उन्होंने पूरे प्रदेश में शराबबंदी करने की तरफ इशारा भी किया। उन्होंने कहा इसकी शुरआत 17 पवित्र नगरों के नगर परिषदों, नगर पालिकाओं और पंचायतो से होगी।

एमपी के किन शहरों में शराबबंदी हुई है

बता दें कि कैबिनेट में लिया गया शराबबंदी का फैसला नए वित्त वर्ष यानी अप्रैल से लागू होगा। जिसके तहत एमपी के 17 पवित्र नगरों और पवित्र गावों से शराब की दुकानें हटाई जाएंगी। इनमे उज्जैन, दतिया, पन्ना, मंडला, मंदसौर, मैहर, ओंकारेश्वर, महेश्वर, मंडलेश्वर, ओरछा, चित्रकूट और अमरकंटक शामिल हैं. प्रदेश सरकार इन जगहों में शराबंदी से होने वाले राजस्व के नुक्सान की भरपाई करने के लिए भी विकल्प खोज रही है।

एमपी कैबिनेट बैठक में लिए गए फैसले

कैबिनेट बैठक में अन्य महत्वपूर्ण फैसले भी लिए गए, जैसे अब मंत्री अपने विभागों के कर्मचारियों का विशेष परिस्थिति में ट्रांसफर कर सकेंगे, इसके अलावा एक एक और महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है जिसके तहत अगर किसी विधवा महिला का पुनर्विवाह होता है तो कल्याणी विभाग से उसे 2 लाख रुपए की सहायता राशि मिलेगी।

तो शुक्रवार को हुई इस डेस्टिनेशन कैबिनेट मीटिंग में सरकार ने कई अहम फैसले लिए, लेकिन सबसे ज़रूरी सवाल ये है कि सरकार पवित्र शहरों में जो शराब बंदी कर रही है उससे होने वाले राजस्व घाटे की भरपाई कैसे होगी? इसपर विपक्ष भी यह सवाल उठा रहा है कि सिर्फ 17 शहरों में क्यों पूरे प्रदेश में शराबंदी क्यों नहीं की जा रही? खैर शराब से प्रदेश सरकार को इस साल लगभग 15000 करोड़ का राजस्व मिला है, अगर आगे चलकर पूरे प्रदेश में शराबंन्दी लागू होती है तो इसकी भरपाई करना मुश्किल हो जाएगा, बिहार राज्य इसका जीता जगता उदारहण है. जहां शराब बंदी तो क्या ही हुई, राजस्व मिलना जरूर बंद हो गया.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *