भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार प्रदेश के 400 गांवों के किसानों को राहत राशि दिए जाने के निर्देश दिए है। सोमवार को कैबिनेट की बैठक में सीएम मोहन यादव ने अधिकारियों को निर्देष दिए है कि बारिश-ओलावृष्टि से खराब हुई फसलों का सर्वे कराकर तत्काल किसानों को राहत राशि वितरित किया जाए। इसके साथ ही 4 बड़े सोलर प्लांट लगाए जाने पर कैबिनेट ने मोहर लगाई है। जिससे नगरीय एवं नगर पालिका क्षेत्रों का खर्च कंम किया जा सकें। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए है कि गुड़ी पड़ाव पर्व पर सभी मंत्री एवं जनप्रतिनिधि अपने क्षेत्र के कार्यक्रम में शमिल हों। उन्होने सभी कलेक्टरों को निर्देश दिए है कि गर्मी में पेयजल की समुचित व्यवस्था बनाए। मानव के साथ ही जीव जंतु एवं पशु-पंक्षियों के लिए भी पानी उपलब्ध हो, ऐसी तैयारी कर लें।
उज्जैन को काल गणना का प्रमुख केंद्र बनाया जाएगा
कैबिनेट की बैठक में निणर्य लिया गया है कि उज्जैन को काल गणना का प्रमुख केंद्र बनाया जाएगा, चूकि यहा गणितीय सटीकता उच्च स्तर की मानी जाती है।
मंत्रियों को दिए निर्देश
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बैठक के दौरान कहा है कि प्रदेश में गुड़ी पड़वा पर नववर्ष उत्सव मनाया जाएगा, मंत्री अपने-अपने जिलों में समारोह में शामिल रहेंगे। उन्होने कहा कि नव वर्ष समारोह अपने-अपने क्षेत्रों की पंरपराओं के हिसाब से मनाया जाएगा। जिसमें मंत्री हिस्सा लेगें।
400 गांवों के किसानों को मुआवजा
भोपाल में आयोजित हुई बैठक के दौरान के दौरान मुख्यमंत्री ने एमपी में खराब हुए मौसम और ओलावृष्टि पर चर्चा करते हुए अधिकारियों को निर्देशित किए है कि प्रभावित 400 से अधिक गांवों में फसल नुकसान का सर्वे कर किसानों को राहत राशि वितरित करवाएं। जिससे किसानों के खराब हुई फसलों की नुकसानी का भरवाई हो सकें।
एमपी में लगेगे चार बड़े सौर ऊर्जा संयंत्र
कैबिनेट बैठक पर लिए गए निणर्य की जानकारी देते हुए मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने मीडिया को बताए है कि एमपी कैबिनेट ने
प्रदेश में चार बड़े सौर ऊर्जा संयंत्र लगाए जाने पर निणर्य लिया है। जिससे नगर निकायों और जल आपूर्ति योजनाओं की बिजली लागत कंम होगी।
इस पर भी निणर्य
एमपी कैबिनेट ने इसी तरह खजुराहो में ओबेरॉय ग्रुप को 19 एकड़ भूमि वैलनेस सेंटर बनाने के लिए दिए जाने का निणर्य लिया है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के तहत भिंड-चंबल क्षेत्र में 18 एमओयू साइन हुए। ग्वालियर सहित अन्य क्षेत्रों में औद्योगिक इकाइयां स्थापित की जाएंगी। गर्मी में जल संकट से निपटने के लिए कलेक्टरों को टैंकरों से जल आपूर्ति और पशु-पक्षियों के लिए पानी की व्यवस्था के निर्देश दिए है।