National e-Governance Gold Award: इस अभिनव पहल को वर्ष 2025 के ‘राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस पुरस्कार’ में ‘स्वर्ण’ श्रेणी का सम्मान प्राप्त हुआ है। उप मुख्यमंत्री श्री जगदीश देवड़ा ने इसे भूमि प्रबंधन में ऐतिहासिक कदम बताते हुए प्रदेशवासियों को बधाई दी। प्रमुख सचिव वाणिज्यिक कर विभाग एवं महानिरीक्षक पंजीयन व अधीक्षक मुद्रांक ने भी शुभकामनाएं दीं।
National e-Governance Gold Award: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की पहल पर 10 अक्टूबर 2024 को मध्यप्रदेश में शुरू किए गए संपदा 2.0 सॉफ्टवेयर ने राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश का गौरव बढ़ाया है। इस अभिनव पहल को वर्ष 2025 के ‘राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस पुरस्कार’ में ‘स्वर्ण’ श्रेणी का सम्मान प्राप्त हुआ है। भारत सरकार के प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग द्वारा यह पुरस्कार “Government Process Re-engineering by use of technology for Digital Transformation” श्रेणी में प्रदान किया जाएगा।
सीएम ने अधिकारियों-कर्मचारियों को दी बधाई
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस उपलब्धि पर प्रदेशवासियों, वाणिज्यिक कर विभाग, महानिरीक्षक पंजीयन एवं अधीक्षक मुद्रांक तथा परियोजना से जुड़े सभी अधिकारियों-कर्मचारियों को बधाई दी। उन्होंने कहा, “संपदा 2.0 ने मध्यप्रदेश को डिजिटल भूमि प्रबंधन में देश का अग्रणी राज्य बनाया है। यह पहल पारदर्शिता और दक्षता को बढ़ाने के साथ-साथ लोगों को सुरक्षित और सरल पंजीयन सुविधा प्रदान करती है, जिससे कार्यालय आने की आवश्यकता समाप्त हो जाती है। यह डिजिटल और सुशासन के हमारे संकल्प का महत्वपूर्ण कदम है।”
उप मुख्यमंत्री श्री जगदीश देवड़ा ने इसे भूमि प्रबंधन में ऐतिहासिक कदम बताते हुए प्रदेशवासियों को बधाई दी। प्रमुख सचिव वाणिज्यिक कर विभाग एवं महानिरीक्षक पंजीयन व अधीक्षक मुद्रांक ने भी शुभकामनाएं दीं।
पेपरलेस ई-पंजीयन वाला पहला राज्य
मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है, जिसने दस्तावेजों का पूर्णत: पेपरलेस ई-पंजीयन शुरू किया है। भारतीय स्टाम्प अधिनियम के तहत 140 प्रकार के दस्तावेजों में से 75 का वीडियो के-वाई-सी के माध्यम से फेसलेस पंजीयन संभव हुआ है, जिसमें उप-पंजीयक कार्यालय आने की जरूरत नहीं है। यह प्रक्रिया इम्परसनेशन और भूमि संबंधी विवादों को कम करने में भी सहायक है।
ऐप से किसी भी क्षेत्र की गाइडलाइन दरें देखी जा सकती
संपदा 2.0 में जीआईएस तकनीक सहित अत्याधुनिक डिजिटल सुविधाएं उपलब्ध हैं। अब कोई भी व्यक्ति www.sampada.mpigr.gov.in पोर्टल के माध्यम से कहीं से भी, कभी भी ई-स्टांप प्राप्त कर सकता है। इसके मोबाइल ऐप से राज्य की किसी भी क्षेत्र की गाइडलाइन दरें तत्काल देखी जा सकती हैं।
दस्तावेजों पर ई-साइन या डिजिटल साइन से हस्ताक्षर
संपदा 1.0 की तुलना में संपदा 2.0 में पक्षकारों और संपत्ति की पहचान आधार ई-ओथ और ई-केवाईसी के माध्यम से होती है। संपत्ति का विवरण संबंधित विभाग से सीधे एकीकृत किया जाता है और दस्तावेज का प्रारूपण स्वचलित रूप से विधिक आवश्यकताओं के साथ तैयार होता है। दस्तावेजों पर ई-साइन या डिजिटल साइन से हस्ताक्षर किए जाते हैं और पंजीयन पूर्ण होने पर यह दस्तावेज ईमेल और व्हाट्सऐप पर उपलब्ध हो जाते हैं।
यह सम्मान 28वें नेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन ई-गवर्नेंस में प्रदान किया जाएगा। पुरस्कार की घोषणा केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा प्रस्तुतीकरण, ग्रामीण क्षेत्रों के दौरे और पुष्टिकरण की तीन-स्तरीय प्रक्रिया के बाद की गई है।