भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव अनुराग जैन की अध्यक्षता एक बैठक आयोजित की गई। यह बैठक ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट से पहले आयोजित करके इलेक्ट्रिक वाहन नीति पर एमपी प्रशासन ने हरी झंडी दे दी। जिसमें निणर्य लिया गया है कि इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीदी में किसी भी तरह की सब्सिडी नही दी जाएगी। छूट को लेकर प्रस्ताव लाया गया था जिसमें सहमति नही बन पाई, वित्त विभाग को भी इसमें अपत्ति रही और उसका कहना था कि खरीदी में अनुदान का प्रावधान रखने से प्रदेश सरकार को तकरीबन 55 करोड़ का वित्तीय भार बढ़ेगा।
वरिष्ठ सचिव समिति ने इलेक्ट्रिक वाहन नई नीति में पंजीयन, रोड टैक्स एवं टोल टैक्स में छूट दिए जाने का प्रावधान रखा है और समिति ने एक मत से इस पर अपनी मोहर लगा दिया है। ज्ञात को कि पेट्रोलियम प्रदार्थो की बढ़ती कीमतों एवं प्रदूषण से निजात पाने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनो को बढ़ावा दिया जा रहा है। यही वजह है कि इलेक्ट्रिक वाहनों में इस तरह के छूट का प्रावधान रखा गया है।
कैबिनेट के पाले में गेद
इलेक्ट्रिक वाहन नीति पर जो तैयारी की गई है। उसमें वरिष्ठ सचिव स्तर की समिति ने तो अपनी सहमति दे दी। अब कैबिनेट के पाले में गेंद है। क्योकि यह प्रस्ताव कैबिनेट के समक्ष 18 फरवरी को रखा जाएगा और कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद इलेक्ट्रिक वीकल पर उपभोक्ताओं को लाभ मिल सकेगा।
चार्जिग प्वाइंट को प्रोत्साहन
एमपी प्रशासन ने इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जिग प्वाइंट को प्रोत्साहित करने के लिए अनुदान दिए जाने पर अपनी सहमति दी है। जिसमें डेढ़ लाख से 10 लाख रूपए तक के अनुदान दिए जाने तथा बिजली की दर में छूट दिए जाने सहित बैटरी बदलने की व्यवस्था चार्जिग स्टेशन पर ही होने के प्रास्तव को मंजूर कर लिया है।
इलेक्ट्रिक वाहन की नई नीति पर एमपी प्रशासन की हरी झंडी, पंजीयन, रोड टैक्स एवं टोल टैक्स में छूट
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