Movie Dhurandhar 2025 : जासूसी-जुनून और जज़्बे की सशक्त कहानी-फ़िल्म धुरंधर-भारतीय सिनेमा में स्पाई और एक्शन थ्रिलर फिल्मों का चलन बीते कुछ वर्षों में तेज़ी से बढ़ा है। इसी कड़ी में आदित्य धर की बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘धुरंधर’ (Dhurandhar Stalwart) वर्ष 2025 में एक गंभीर, राष्ट्रकेंद्रित और सघन स्पाई थ्रिलर के रूप में सामने आती है। रणवीर सिंह जैसे ऊर्जावान अभिनेता और अक्षय खन्ना जैसे संजीदा कलाकार की मौजूदगी फिल्म को अभिनय के स्तर पर मजबूत आधार देती है। ‘उरी: द सर्जिकल स्ट्राइक’ के बाद आदित्य धर से दर्शकों को एक बार फिर तीव्र देशभक्ति और स्मार्ट कहानी कहने की उम्मीद रहती है और ‘धुरंधर’ उसी अपेक्षा के साथ आगे बढ़ती है। धुरंधर (2025) हिंदी स्पाई एक्शन थ्रिलर फिल्म की विस्तृत समीक्षा। जानिए कहानी, अभिनय, निर्देशन, एक्शन, संगीत और संदेश क्या यह फिल्म उम्मीदों पर खरी उतरती है ?
कहानी और पटकथा
फिल्म “धुरंधर” की कहानी जासूसी,खुफिया तंत्र और राष्ट्र की आंतरिक-बाहरी सुरक्षा से जुड़े मिशनों के इर्द-गिर्द घूमती है। फिल्म केवल एक्शन तक सीमित नहीं रहती बल्कि यह रणनीति,मनोवैज्ञानिक द्वंद्व और बलिदान को भी उभारती है। पटकथा सधी हुई है जहां रहस्य ,धीरे-धीरे परतें खोलता है और दर्शक को अंत तक बांधे रखता है। फिल्म में अति-नाटकीयता से बचते हुए यथार्थवादी टोन बनाए रखने का प्रयास यथार्थ जान पड़ता है।
निर्देशन और विज़न
आदित्य धर का निर्देशन इस फिल्म की सबसे बड़ी ताकत है। वे एक बार फिर साबित करते हैं कि वे नेशनलिस्ट नैरेटिव को बिना शोर-शराबे के प्रभावी ढंग से प्रस्तुत कर सकते हैं। एक्शन दृश्यों में अनावश्यक भव्यता नहीं, बल्कि मिशन-आधारित सटीकता दिखाई देती है। फिल्म का ट्रीटमेंट इंटरनेशनल स्पाई थ्रिलर्स की याद दिलाता है, लेकिन भारतीय संदर्भ में मजबूती से खड़ा रहता है।
प्रमुख अभिनेता और उनका अभिनय अभिनय (Performances)
रणवीर सिंह एक गंभीर, नियंत्रित और दृढ़ जासूस के रूप में नज़र आते हैं। यह किरदार उनकी सामान्य ऊर्जावान छवि से अलग है और वे इसमें परिपक्वता दिखाते हैं। अक्षय खन्ना अपने सीमित लेकिन प्रभावशाली स्क्रीन प्रेज़ेंस से फिल्म में गहराई लाते हैं। दूसरी तरफ़ सहायक कलाकार भी कहानी को विश्वसनीय बनाने में योगदान देते हैं, जिससे फिल्म सामूहिक प्रयास का एक सफल परिणाम लगती है।

एक्शन, तकनीक और सिनेमैटोग्राफी
फिल्म का एक्शन ग्राउंडेड और रियलिस्टिक है-बिना ज़रूरत के स्लो-मोशन या अवास्तविक स्टंट्स के। सिनेमैटोग्राफी फिल्म के तनावपूर्ण माहौल को अच्छे से कैप्चर करती है, वहीं बैकग्राउंड स्कोर सीन की गंभीरता को उभारता है और बड़ी बात यह बिना उस पर हावी हुए।
संगीत और बैकग्राउंड स्कोर
फिल्म “धुरंधर” में संगीत कहानी के अनुरूप रखा गया है। गीत कम लेकिन प्रभावशाली हैं,जबकि बैकग्राउंड स्कोर फिल्म की रफ्तार और भावनात्मक उतार-चढ़ाव को मजबूती देता प्रतीत होता है।
संदेश और प्रभाव
फिल्म केवल देशभक्ति का प्रदर्शन नहीं करती, बल्कि यह सवाल भी उठाती है कि राष्ट्र की सुरक्षा में लगे गुमनाम योद्धाओं की निजी कीमत क्या होती है -या क्या होनी चाहिए ? और यही वजह है की फिल्म धुरंधर तमाम स्टंट – थ्रिलर एक्शन और क्लाइमेक्स के साथ प्रमुखता से उसके हर सीन में छिपे भावनात्मक पक्ष को उजागर कर फिल्म को मानवीय बनाता है।
निष्कर्ष (Conclusion)
फिल्म “धुरंधर’ एक सधी हुई, गंभीर और कंटेंट-ड्रिवन स्पाई एक्शन थ्रिलर है, जो दिखावे से ज्यादा कहानी, अभिनय और निर्देशन पर भरोसा करती है। रणवीर सिंह का नियंत्रित अभिनय, अक्षय खन्ना की गंभीरता और आदित्य धर का स्पष्ट विज़न फिल्म को एक मजबूत सिनेमैटिक अनुभव बनाते हैं। जो दर्शक स्मार्ट जासूसी, राष्ट्रकेंद्रित कथानक और रियलिस्टिक एक्शन पसंद करते हैं, उनके लिए ‘धुरंधर’ एक देखने योग्य फिल्म साबित होती है।
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