यूपी हाथरस हादसा: मरने वालों में सबसे ज्यादा 113 महिलाएं, इतनी ताकत नहीं जुटा पाईं कि…

Hathras stampede

Most of the people who died in UP Hathras accident were women: यूपी के हाथरस में सत्संग के दौरान मची भगदड़ में मरने वालों की संख्या 123 पहुंच गई है। इनमें से 74 लोगों की मौत दम घुटने की वजह से हुई है। भगदड़ के बीच जो महिलाएं और बच्चे जमीन पर गिरे, वे उठ नहीं पाए और बुरी तरह कुचल गए। 31 महिलाओं के शव की हालत बेहद ख़राब थी। शरीर की पसलियां टूटकर दिल और फेफड़े में घुस गईं थीं। जबकि भगदड़ में फंसे 15 लोगों के सिर और गर्दन की हड्‌डी टूट चुकी थी, जिससे उनकी मौत हुई। इस बात का खुलासा पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से हुआ। मरने वालों में सबसे ज्यादा 113 महिलाएं हैं। 3 पुरुष और 7 बच्चे हैं। जानकारों के मुताबिक, महिलाएं भगदड़ के चलते गिर गईं और फिर इतनी ताकत नहीं जुटा पाईं कि भीड़ के साथ दोबारा खड़ी हो पातीं। भीड़ उनके ऊपर से गुजरती गई। जिससे उनकी मौत हो गई। ज्यादातर महिलाओं के शरीर में हड्डियां टूटी मिली हैं।

भगदड़ में मारे गए 123 लोगों की लाशों को पोस्टमॉर्टम के लिए हाथरस के साथ अलीगढ़, आगरा और एटा ट्रांसफर किया। जहां 24 घंटे में 120 लोगों के पोस्टमॉर्टम किया गया। एक शव की शिनाख्त नहीं होने पर उसका पोस्टमॉर्टम नहीं हुआ। जबकि 2 शव बिना पोस्टमॉर्टम कराए उनके परिवार वाले ले गए।

हाथरस हादसे के 24 घंटे बाद भोले बाबा का पहला बयान आया है। बाबा ने सुप्रीम कोर्ट के वकील एपी सिंह के जरिए लिखित बयान जारी किया, जिसमें उन्होंने लिखा कि मैं जब समागम से निकल गया, इसके बाद हादसा हुआ। असामाजिक तत्वों की वजह से भगदड़ मची है। जिनके खिलाफ लीगल एक्शन लूंगा। घायलों के स्वस्थ होने की कामना करता हूं। बतादें कि हादसा मंगलवार दोपहर 1 बजे फुलरई गांव में हुआ। अगले दिन बुधवार को सीएम योगी भी हाथरस पहुंचे। जिला अस्पताल में घायलों से मुलाकात की और घटनास्थल पर भी गए। सीएम योगी ने कहा- हादसे की जांच के लिए SIT का गठन किया है। बताया गया है कि हाईकोर्ट के रिटायर जज बृजेश कुमार श्रीवास्तव की अगुवाई में तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग का गठन कर दिया है। आयोग अगले दो महीने में अपनी जांच पूरी करने के बाद राज्य सरकार को रिपोर्ट सौंपेगी।

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