छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ में 25 से ज्यादा नक्सली ढेर

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Chhattisgarh Naxalite Encounter: पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह ऑपरेशन खुफिया जानकारी के आधार पर शुरू किया गया था, जिसमें नक्सलियों के बड़े कैडर की मौजूदगी की सूचना मिली थी। विशेष रूप से, नक्सली नेता बसवा राजू के ठिकाने की जानकारी के बाद डीआरजी (जिला रिजर्व गार्ड) और एसटीएफ की संयुक्त टीम ने अबूझमाड़ के जंगलों में सर्च ऑपरेशन शुरू किया।

बुधवार को छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में नक्सलवाद के खिलाफ सुरक्षाबलों ने एक और बड़ी कामयाबी हासिल की है। नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ के घने जंगलों में हुई ताजा मुठभेड़ में 25 से ज्यादा नक्सलियों के मारे जाने की खबर है। यह मुठभेड़ दंतेवाड़ा, नारायणपुर और बीजापुर जिलों की सीमा पर हुई, जहां सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के खिलाफ व्यापक अभियान चलाया।

25 से अधिक नक्सली मारे गए

पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह ऑपरेशन खुफिया जानकारी के आधार पर शुरू किया गया था, जिसमें नक्सलियों के बड़े कैडर की मौजूदगी की सूचना मिली थी। विशेष रूप से, नक्सली नेता बसवा राजू के ठिकाने की जानकारी के बाद डीआरजी (जिला रिजर्व गार्ड) और एसटीएफ की संयुक्त टीम ने अबूझमाड़ के जंगलों में सर्च ऑपरेशन शुरू किया। इस दौरान नक्सलियों ने सुरक्षाबलों पर गोलीबारी शुरू कर दी, जिसके जवाब में सुरक्षाबलों ने भी कार्रवाई की। घंटों चली इस मुठभेड़ में 25 से अधिक नक्सली मारे गए, जिनमें कुछ बड़े कैडर के नक्सली भी शामिल हैं।

सुरक्षाबलों ने घटनास्थल से नक्सलियों के शव और भारी मात्रा में हथियार बरामद किए हैं, जिनमें एके-47, एसएलआर और अन्य स्वचालित हथियार शामिल हैं। इस अभियान में कुछ सुरक्षाकर्मियों के घायल होने की भी सूचना है, हालांकि उनकी स्थिति स्थिर बताई जा रही है।

अबूझमाड़ नक्सलवाद का गढ़

अबूझमाड़, बस्तर क्षेत्र का एक दुर्गम और घना जंगली इलाका है, जो लंबे समय से नक्सलियों का सुरक्षित ठिकाना रहा है। यह क्षेत्र नक्सलियों के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह नारायणपुर, दंतेवाड़ा और बीजापुर जैसे जिलों की सीमाओं को जोड़ता है। सुरक्षाबलों के लिए इस इलाके में ऑपरेशन चलाना हमेशा चुनौतीपूर्ण रहा है, लेकिन हाल के वर्षों में केंद्र और राज्य सरकार की नक्सल-विरोधी नीतियों के तहत ऐसे अभियानों में तेजी आई है।

सरकार और सुरक्षाबलों की रणनीति

केंद्र सरकार, विशेष रूप से गृह मंत्रालय, ने नक्सलवाद को खत्म करने के लिए 2026 तक की समयसीमा निर्धारित की है। गृह मंत्री अमित शाह ने कई बार इस बात पर जोर दिया है कि नक्सलवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की जाएगी। छत्तीसगढ़ में हाल के महीनों में नक्सलियों के खिलाफ कई बड़े ऑपरेशन किए गए हैं, जिनमें सैकड़ों नक्सलियों को या तो मार गिराया गया या उन्होंने आत्मसमर्पण किया है।


इस मुठभेड़ पर प्रतिक्रिया देते हुए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सुरक्षाबलों की बहादुरी की सराहना की और कहा, “हमारी सरकार नक्सलवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है। सुरक्षाबलों का यह अभियान नक्सलियों को कड़ा संदेश देता है कि हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में लौटना ही उनके लिए बेहतर है।”

नक्सलवाद के खिलाफ व्यापक अभियान

पिछले कुछ वर्षों में बस्तर क्षेत्र में नक्सलियों के खिलाफ कई बड़े ऑपरेशन हुए हैं। जनवरी 2025 में भी अबूझमाड़ में एक मुठभेड़ में पांच नक्सली मारे गए थे, जबकि बीजापुर में एक आईईडी हमले में नौ सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए थे। इन घटनाओं से यह स्पष्ट है कि नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षाबलों का अभियान और सख्त हो रहा है।

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