सागर। रंग-बिरंगे देशी और विदेशी पंक्षियों से एमपी के जलाशय गुलजार रहे है, लेकिन शीत ऋतु के सामपन के साथ ही ऐसे प्रवासी पंक्षी अब अपने स्वदेश की ओर लौटने लगे है। एमपी के नौरादेही टाइगर रिजर्व में इस साल प्रवासी पक्षी एक महीने पहले ही लौटना शुरू हो गए हैं। असल में इस साल फरवरी में सामान्य से अधिक तापमान है। आमतौर पर ये पक्षी मार्च के अंत तक रहते थे, लेकिन गर्मी बढ़ने से उनकी वापसी जल्दी शुरू हो गई है। जिस तरह से पंक्षियों की उड़ान देखी जा रही है उससे माना जा रहा है कि मार्च के प्रथम सप्ताह तक विदेशी पंक्षियों से यहां के जलाशय खाली हो जाएगे।
शीतऋतु में होता है आगमन
जानकारी के तहत सुंदर और आकर्षक ये पंक्षी ठंड का महीना शुरू होते ही यहां के जलाशयों में पहुचने लगते है। वे अस्थायी आशियाना अपना बनाते है। गर्मी का आगाज होते ही यहां से वे रवाना होने लगते है। इस बार फरवरी माह में ही मौसम बदल रहा है, इसका संकेत प्रवासी पंक्षी भी दे रहे है, क्योकि ज्यादातर ये पंक्षी मार्च के आखिरी सप्ताह में विदा होते थें।
नौरादेही में 250 से अधिक पक्षियों की प्रजातियां
नौरादेही में 250 से अधिक पक्षियों की संरक्षित प्रजातियां पाई जाती हैं, जिनमें हंस, सारस, एग्रेट्स, स्टोर्क्स, बाज, गिद्ध, तीतर, बटेर, कबूतर, तोते, कोयल, उल्लू, फ्लाई कैचर्स और मैना शामिल हैं। यहां के सबसे दुर्लभ पक्षियों में स्पॉटेड ग्रे क्रीपर (सालपोनिस स्पिलोनोटोस) शामिल है। इसके अलावा, प्रवासी पक्षियों के समूह में स्टॉर्क (एडजुटेंट, ओपनबिल्ड), क्रेन, गिद्ध, पतंग, किंगफिशर, लापविंग्स, ईगल और पैट्रिज भी देखे जा सकते हैं। हर साल इन पक्षियों की आकर्षक उड़ान और चहचहाहट नौरादेही की सुंदरता को और बढ़ा देती है।
तापमान से प्रवासी पंक्षियों का बदला मूड, समय से पहले कहां अलविदा, भरी उड़ान
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