Monsoon Entry Date 2025: भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने हाल ही में मानसून को लेकर ताजा अपडेट जारी किया है, जिसमें केरल सहित देश के विभिन्न हिस्सों में मानसून के आगमन और इसके प्रभावों की जानकारी दी गई है।
भारत में मानसून कब आएगा?
When Will Monsoon Enter In India: IMD के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम मानसून की शुरुआत सबसे पहले केरल में होती है, जो आमतौर पर 1 जून के आसपास तट पर दस्तक देता है। इस साल भी IMD ने अनुमान जताया है कि मानसून 29 मई से 3 जून के बीच केरल पहुंच सकता है। केरल में मानसून के प्रवेश के बाद यह धीरे-धीरे देश के अन्य हिस्सों में फैलता है।
- जून का पहला सप्ताह: मानसून दक्षिण भारत के राज्यों जैसे तमिलनाडु, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में सक्रिय होगा।
- जून का दूसरा सप्ताह: यह पूर्वोत्तर राज्यों और महाराष्ट्र, गोवा जैसे पश्चिमी तटों तक पहुंचेगा।
- जून का तीसरा सप्ताह: मानसून मध्य भारत, जिसमें मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और ओडिशा शामिल हैं, में प्रवेश करेगा।
- जुलाई का पहला सप्ताह: उत्तर भारत के राज्यों जैसे राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली तक मानसून पहुंचने की उम्मीद है।
इस साल सामान्य से बेहतर रहेगा मानसून
IMD ने यह भी बताया कि इस साल मानसून सामान्य से बेहतर रहने की संभावना है, क्योंकि अल नीनो का प्रभाव कमजोर हो रहा है और ला नीना की स्थिति बन रही है, जो अच्छी बारिश का संकेत देती है।
मध्य प्रदेश में मानसून कैसा रहेगा?
Monsoon Madhya Pradesh 2025 : मध्य प्रदेश में मानसून की शुरुआत आमतौर पर 15 से 20 जून के बीच होती है, जो सबसे पहले दक्षिणी जिलों जैसे बालाघाट, छिंदवाड़ा और जबलपुर में देखी जाती है। इसके बाद यह भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और अन्य उत्तरी हिस्सों में फैलता है। इस साल मध्य प्रदेश में मानसून के प्रदर्शन को लेकर निम्नलिखित अनुमान हैं:
- बारिश की मात्रा: IMD का अनुमान है कि मध्य प्रदेश में सामान्य से 10-15% अधिक बारिश हो सकती है। सामान्यतः राज्य में 900-1000 मिमी बारिश होती है, लेकिन इस साल यह 1000-1100 मिमी तक पहुंच सकती है।
- वितरण: दक्षिणी और पूर्वी मध्य प्रदेश (जैसे जबलपुर, सागर, रीवा) में भारी बारिश की संभावना है, जबकि पश्चिमी मध्य प्रदेश (इंदौर, उज्जैन) में सामान्य से थोड़ी अधिक बारिश होगी। ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में बारिश का वितरण असमान हो सकता है।
- प्रभाव: अच्छी बारिश से खरीफ फसलों जैसे सोयाबीन, धान और मक्का को फायदा होगा। हालांकि, भारी बारिश के कारण निचले इलाकों में बाढ़ और जलभराव की स्थिति भी बन सकती है, खासकर भोपाल और होशंगाबाद जैसे क्षेत्रों में।
अन्य राज्यों की स्थिति
केरल में मानसून के आगमन के साथ ही तटीय क्षेत्रों में भारी बारिश की संभावना है। हाल के अपडेट्स के अनुसार, केरल में मई के अंत तक प्री-मानसून बारिश देखी जा रही है, जो मानसून की शुरुआत का संकेत है। तमिलनाडु और कर्नाटक में भी मई में छिटपुट बारिश हुई है, जो जून में मानसून की प्रगति को बल देगी।