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सतना में RSS प्रमुख डॉ. मोहन भागवत बोले- “अंग्रेज ने टूटा दर्पण दिखाकर बांटा, अब आध्यात्मिक दर्पण से देखें एकता”

Mohan Bhagwat in Satna stressed on unity and Sanatani identity

Mohan Bhagwat in Satna stressed on unity and Sanatani identity

Mohan Bhagwat in Satna stressed on unity and Sanatani identity: मध्य प्रदेश के सतना शहर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने बाबा सिंधी कैंप स्थित मेहर शाह दरबार के नवनिर्मित भवन का भव्य लोकार्पण किया, जो न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को मजबूत करने वाला कदम है, बल्कि हिंदू समाज में एकता और आध्यात्मिक जागरण का प्रतीक भी बन गया। हजारों श्रद्धालुओं और गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में आयोजित इस कार्यक्रम में डॉ. भागवत ने भावुक संबोधन देते हुए कहा कि “हम सब एक हैं, सभी सनातनी और हिंदू हैं। अंग्रेजों ने हमें टूटा हुआ दर्पण दिखाकर बांट दिया था, लेकिन आज हमें अच्छे दर्पण में देखकर एक होने की आवश्यकता है।” उनका यह संदेश सामाजिक सद्भाव और आध्यात्मिक एकीकरण पर केंद्रित था, जो वर्तमान सामाजिक विभाजनों के बीच प्रासंगिक लग रहा है। कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला, राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी, सांसद गणेश सिंह सहित अनेक राजनीतिक हस्तियां और साधु-संत उपस्थित रहे, जिसने इसे एक राष्ट्रीय स्तर का आयोजन बना दिया।

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विरासत और आधुनिकता का संगम

मेहर शाह दरबार, जो सतना की धार्मिक परंपरा का प्रमुख केंद्र है, का यह नवनिर्मित भवन सदियों पुरानी सनातनी आस्था को आधुनिक सुविधाओं से जोड़ने का प्रयास है। भवन का निर्माण स्थानीय समुदाय के सहयोग से पूरा हुआ, जिसमें ध्यान कक्ष, सभागार और पूजा स्थल शामिल हैं। लोकार्पण के दौरान डॉ. भागवत ने भवन का उद्घाटन कर आरती उतारी और श्रद्धालुओं को आशीर्वाद दिया। दरबार प्रमुख पुरुषोत्तम दास जी महाराज ने स्वागत भाषण में कहा, “यह भवन न केवल हमारी आस्था का प्रतीक है, बल्कि समाज को एकजुट करने का माध्यम भी बनेगा। RSS जैसे संगठन का सहयोग हमें नई ऊर्जा देता है।” कार्यक्रम में पारंपरिक संगीत, भजन और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने माहौल को भक्तिमय बना दिया। स्थानीय प्रशासन ने सुरक्षा और व्यवस्था के लिए विशेष इंतजाम किए थे, जिसमें ट्रैफिक प्रबंधन और मेडिकल यूनिट शामिल थीं।

“अहंकार छोड़ें, गुरु के दर्पण में देखें स्वयं को”

डॉ. मोहन भागवत का संबोधन कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रहा, जिसमें उन्होंने हिंदू समाज की एकता पर जोर देते हुए ऐतिहासिक संदर्भ दिए। उन्होंने कहा, “एक अंग्रेज ने हमें टूटा हुआ दर्पण दिखाकर अलग-अलग कर दिया था। आज हमें अच्छे दर्पण में देखकर एक होने की आवश्यकता है। जब हम आध्यात्मिक परंपरा वाला दर्पण देखेंगे तो एक दिखेंगे। ये दर्पण दिखाने वाले हमारे गुरु हैं, हमें अपना अहंकार छोड़कर स्वयं को देखना चाहिए।” उनका यह उद्बोधन वर्तमान सामाजिक-राजनीतिक परिदृश्य में प्रासंगिक लग रहा है, जहाँ जाति, धर्म और क्षेत्रीय विभाजन समाज को कमजोर कर रहे हैं। डॉ. भागवत ने आगे कहा, “सनातनी परंपरा हमें सिखाती है कि हम सब एक ही परमात्मा के अंश हैं। विभाजन की राजनीति से ऊपर उठकर हम अपनी जड़ों से जुड़ें।” उनके शब्दों ने श्रोताओं में उत्साह भर दिया, और कई युवा स्वयंसेवकों ने RSS में सक्रिय भागीदारी का संकल्प लिया। विशेषज्ञों का मानना है कि यह संदेश न केवल धार्मिक समुदायों को एकजुट करेगा, बल्कि राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने में भी योगदान देगा।

राजनीतिक और धार्मिक हस्तियों का संगम

कार्यक्रम में मध्य प्रदेश सरकार के उच्च पदाधिकारियों की मौजूदगी ने इसे विशेष महत्व प्रदान किया। उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला ने कहा, “डॉ. भागवत का संदेश राज्य के विकास और सद्भाव के लिए प्रेरणा स्रोत है। सतना जैसे शहर हमारी सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित रखेंगे।” राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी ने महिलाओं की भूमिका पर जोर देते हुए कहा, “आध्यात्मिक एकता से ही समाज मजबूत होता है।” सांसद गणेश सिंह ने स्थानीय विकास योजनाओं का उल्लेख किया, जबकि इंदौर सांसद शंकर लालवानी और भोपाल विधायक भगवान दास साबनानी ने RSS की सामाजिक सेवा को सराहा। जबलपुर कैंट विधायक अशोक रोहानी ने साधु-संतों के साथ मिलकर भजन गाए। इसके अलावा, अनेक साधु-संत, RSS प्रांत प्रचारक और शहर के गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे, जिन्होंने संकल्प लिया कि वे भागवत के संदेश को ग्रामीण स्तर तक पहुँचाएंगे।

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