Modi Jinping Meeting: 2020 में गलवान घाटी में झड़प के बाद मोदी-जिनपिंग की बुधवार को कजान में पहली बाइलेटरल मीटिंग हुई . ब्रिक्स सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी और जिनपिंग के बीच रूस के राष्ट्रपति सेतु की तरह दिखे .इतने लम्बे अंतराल के बाद यह पहला मौका था जब मोदी और जिनपिंग द्विपक्षीय वार्ता के लिए आमने-सामने बैठे.
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आज वो हुआ जिसका काफी लम्बे समय से इंतजार हो रहा था , साल 2020 में गलवान घाटी में चीन के साथ झड़प के बाद यह पहला मौका था जब प्रधानमंत्री मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच द्वीपक्षीय बात हुई। झड़प के बाद दोनों देशों के शीर्ष नेताओं की यह पहली बाइलेटरल मीटिंग थी . कजान शहर में आयोजित ब्रिक्स सम्मेलन में हर वक्त रूस के राष्ट्रपति पुतिन प्रधानमंत्री मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच किसी पुल की तरह दिखाई दिए .
प्रधानमंत्री मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग द्विपक्षीय वार्ता के लिए आमने-सामने बैठे. तब भारत में शाम के 5 बजे थे. द्विपक्षीय बातचीत शुरू करने से पहले चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा, प्रधानमंत्री जी, कजान में आपसे मुलाकात करके बहुत खुशी हुई. 5 साल में ये पहला मौका है जब हम आमने-सामने बैठकर बातचीत कर रहे हैं.
भारत और चीन के बीच सीमा पेट्रोलिंग पर बनी सहमति
ब्रिक्स सम्मेलन में रूस के राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे दोनों देशों के लोग और पूरी दुनिया को इस मुलाकात का इंतजार था. चीन और भारत दोनों पुरातन संस्कृतिया हैं और महत्वपूर्ण विकासशील देश हैं. दोनों पक्षों के लिए ज्यादा बातचीत और सहयोग करना हमारे मतभेदों और असहमतियों को ठीक से संभालना और एक-दूसरे की विकास आकांक्षाओं को पूरा करना महत्वपूर्ण है. 5 साल बाद जब दोनों देशों के शीर्ष नेताओं के बीच बात बनी तो प्रधानमंत्री मोदी ने सबसे पहले भारत -चीन सीमा पर पैट्रोलिंग पर बनी सहमति का स्वागत किया . लेकिन इसके बाद ही प्रधानमंत्री मोदी ने दो टूक शब्दों में कह दिया कि दोनों देशों के बीच अच्छे संबंधो के लिए भारत -चीन सीमा के बीच शांति का बना रहना बेहद जरूरी है।
सीमा पार बनी सहमति पर पीएम मोदी ने जताई खुशी
पीएम मोदी ने कहा, आपसे मिलकर खुशी है. जैसा आपने कहा 5 साल के बाद हमारी औपचारिक बैठक हो रही है. भारत और चीन के संबंधों का महत्व केवल हमारे लोगों के लिए ही नहीं बल्कि वैश्विक शांति, स्थिरता और प्रगति के लिए भी हमारे संबंध बहुत अहम हैं. सीमा पार पिछले 4 साल में बनी सहमति का हम स्वागत करते हैं.
पीएम ने कहा, सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखना हमारी प्राथमिकता रहनी चाहिए. आपसी विश्वास, आपसी सम्मान और आपसी संवेदनशीलता हमारे संबंधों का आधार बना रहना चाहिए. इन सभी विषयों पर बात करने का अवसर मिला है. मुझे विश्वास है हम खुले मन से बातचीत करेंगे.
मीटिंग रूम से मुस्कराते हुए निकले बाहर
इस बातचीत के लिए 30 मिनट का समय तय किया गया था लेकिन प्रधानमंत्री मोदी और शी जिनपिंग करीब करीब 50 मिनट तक बंद कमरे में भारत और चीन के गंभीर मुद्दों पर मंथन करते रहे. बैठक खत्म हुई तो प्रधानमंत्री मोदी और शी जिनपिंग मुस्कुराते हुए मीटिंग रूम से बाहर निकले और गर्मजोशी से एक-दूसरे से हाथ मिलाया.
अब सवाल है, क्या BRICS में मोदी-शी की ये मुलाकात भारत और चीन के संबंधों की एक नई शुरुआत है? क्या इस मुलाकात ने पृथ्वी के दो सबसे बड़े राष्ट्रों के बीच सीमा पर बने तनाव के पहाड़ को हटा दिया है? क्या इस मुलाकात ने भारत-और चीन के रिश्तों की कड़वाहट मिटा दी है?
इस मीटिंग में 5 लोगों ने निभाई अहम् भूमिका
पिछले साल 2023 में जब BRICS देशों का सम्मेलन दक्षिण अफ्रीका में हुआ था, तब पीएम मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने एक-दूसरे से हाथ मिलाया था. मगर, सीमा पर तनाव के चलते उनके बीच द्विपक्षीय मुलाकात नहीं हुई थी. इससे पहले जब साल 2022 में इंडोनेशिया के बाली में ‘G-20’ की बैठक हुई थी, तब भी पीएम मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच औपचारिक रूप से कोई द्विपक्षीय बातचीत नहीं हुई.
भारत-चीन के रिश्तों पर पिछले 5 सालों से जमी बर्फ कैसे पिघली? प्रधानमंत्री मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय बातचीत की जमीन कैसे तैयार हुई? इसे लेकर TV9 भारतवर्ष को एक्सक्लूसिव जानकारी मिली है. इस मुलाकात के 5 किरदार हैं.
- रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन
- भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर
- चीन के विदेश मंत्री वांग यी
- भारत के NSA अजीत डोभाल
- दिल्ली में चीन के नए राजदूत
यह भी देखें :https://youtu.be/a-57fiyUEIQ?si=Qi5SysrrTsZjX7DE