Controversial statement of MLA Pannalal: विधायक पन्ना लाल शाक्य ने कहा “आज जो बांग्लादेश में हुआ है. कोई नहीं कह सकता कि मध्यप्रदेश या हिंदुस्तान में नहीं होगा, बिल्कुल होगा। हमें सुरक्षा के बारे में सोचना पड़ेगा। हमारी देशभक्ति केवल पडोसी से जमीन की लड़ाई की है. उसकी एक इंच जमीन पर कब्ज़ा करने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक लड़ते हैं. सदन में लुच्चे बैठे हैं. इनकी सदस्यता खत्म कर देनी चाहिए”।
Controversial statement of MLA Pannalal: बुधवार,14 अगस्त को गुना नगरपालिका सभागार में आयोजित विभाजन विभीषिका दिवस के कार्यक्रम में पहुंचे भाजपा विधायक पन्नालाल (Panna Lal Shakya) शाक्य ने कुछ ऐसा कह दिया कि जिसकी चर्चा प्रदेशभर में होने लगी. अभी तक ऐसा बयान विपक्ष के नेताओं से सुनने को मिल रहा था, लेकिन अब सत्ता पक्ष के विधायक ने ही कुछ ऐसा बोल दिया जिससे प्रदेश भर की राजनीति में हल्लाबोल शुरू हो गया.
विधायक पन्ना लाल शाक्य ने कहा “आज जो बांग्लादेश में हुआ है. कोई नहीं कह सकता कि मध्यप्रदेश या हिंदुस्तान में नहीं होगा, बिल्कुल होगा। हमें सुरक्षा के बारे में सोचना पड़ेगा। हमारी देशभक्ति केवल पडोसी से जमीन की लड़ाई की है. उसकी एक इंच जमीन पर कब्ज़ा करने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक लड़ते हैं. सदन में लुच्चे बैठे हैं. इनकी सदस्यता खत्म कर देनी चाहिए”।
आज की परिस्थिति का ध्यान रखना जरुरी है
विधायक पन्नालाल शाक्य ने कहा “कि कृष्ण रथ पर बैठे थे. बिना हथियार के उन्होंने राक्षकों को मरवा दिया। ये विचार यदि हम रख सकते हैं, तो फिर अच्छी व्यवस्था हो जाएगी। आज की जो परिस्थिति है, उसका ध्यान रखना आवश्यक है. आज जो बांग्लादेश में हुआ है न, वो कोई नहीं कह सकता है कि मध्यप्रदेश या हिंदुस्तान में ऐसा नहीं होगा। बिल्कुल होगा। रामायण के कुछ पात्र थे- माल्यबल, सोमाली और बाली। कैकेई और राजा दशरथ का राक्षसों से युद्ध हुआ. बाली मारा गया. माल्यबल ने आत्मसमर्पण कर दिया था. और सोमाली साउथ अफ्रीका से सटे देश सोमालिया में बस गया था. आज उसकी संतति समुद्री लुटेरे के रूप में परिवर्तित हो गई है. सोमाली के भागने पर कैकेई ने उसे कहा कि यदि तुम भाग गए हो, तो बचोगे नहीं। मैं ऐसी संतान जो जन्म दूंगी की इस भूमंडल से समूचे राक्षकों का नाश हो जाएगा।
ऐसे में देश की सुरक्षा कैसे होगी?
विधायक ने आगे कहा कि ” आप भी विचार करो. ऐसे लोगों का पालन पोषण नहीं करना, जो फूंक मारने से हिल जाएं, लेकिन हम चाहते हैं कि हमारा बेटा डॉक्टर, इंजीनियर या कलेक्टर बन जाए. कोई नहीं चाहता है कि बेटा भगत सिंह या चंद्रशेखर आजाद बने. ऐसे में देश की सुरक्षा कैसे होगी? जिस ने मरना नहीं सीखा न, वो देश की सुरक्षा नहीं कर सकता। व्यक्तिगत प्रापर्टी बढ़ा लेगा वो. ये जितने भी पाकिस्तान और सिंध से आए हैं न, ऐसे ही भागेंगे फैक्ट्री वाले, बैंक बैलेंस वाले। हमें सुरक्षा का भाव पैदा करना होगा। यह आ गया तो देश में न उपद्रव होगा और न ही देश टूटेगा”।
हमारी देशभक्ति सिर्फ पड़ोसी से जमीन की लड़ाई तक
विधायक पन्नालाल ने आगे कहा कि ” अभी संसद चल रही थी न. दो सदस्यों ने खराब बात कही है. वो खराब बार राजा के सामने हिम्मत नहीं होती, लेकिन उनकी हिम्मत हो गई, तो ये टेस्ट कर लो. समझ लो कि क्या चल रहा है. क्या होने वाला है. नरेंद्र मोदी के आभारी हैं, जिन्होंने स्मृति दिवस मनाने के लिए प्रेरित किया। मोबाईल से उन्हें व्हाट्सऐप तो भेज दो की आपके सदन में कैसे लोग बैठे हैं ‘लुच्चे’. इनकी सदस्यता खत्म करो आज ही. भेजे क्या किसी ने, बताओ। हम आपको कहेंगे कि बड़े देशभक्त हैं. काहे के देशभक्त हो, हमें चिंता नहीं है. इस बात में देशभक्त हैं कि पड़ोसी की एक इंच जमीन दबा रखी, तो सुप्रीम कोर्ट तक लड़ेंगे, पेशी पर पेशी करेंगे। ये हमारी देशभक्ति है. कहा कि देशभक्ति, जरा खोजो तो सही. जब देशभक्ति ही नहीं तो देश बचेगा कैसे”