Shahdol News: जिले में जल गंगा संवर्धन अभियान के जिला स्तरीय कार्यक्रम में अफसरों ने एक घंटे के दौरान 14 किलो ड्राईफ्रूट खा लिया। इसके अलावा 6 लीटर दूध में 5 किलो शक्कर डालकर चाय बनाई गई।कार्यक्रम 25 मई 2025 को भदवाही ग्राम पंचायत में आयोजित हुआ था। इसमें कलेक्टर डॉ. केदार सिंह, जिला पंचायत सीईओ नरेंद्र सिंह, जयसिंह नगर की एसडीएम प्रगति वर्मा और जनपद सीईओ समेत कई अधिकारी शामिल थे।
Shahdol Hindi News: मध्यप्रदेश के शहडोल में स्कूल में ऑयल पेंट घोटाले के बाद सरकारी धन के दुरुपयोग का दूसरा मामला सामने आया है। जिले में जल गंगा संवर्धन अभियान के जिला स्तरीय कार्यक्रम में अफसरों ने एक घंटे के दौरान 14 किलो ड्राईफ्रूट खा लिया। इसके अलावा 6 लीटर दूध में 5 किलो शक्कर डालकर चाय बनाई गई।कार्यक्रम 25 मई 2025 को भदवाही ग्राम पंचायत में आयोजित हुआ था। इसमें कलेक्टर डॉ. केदार सिंह, जिला पंचायत सीईओ नरेंद्र सिंह, जयसिंह नगर की एसडीएम प्रगति वर्मा और जनपद सीईओ समेत कई अधिकारी शामिल थे। ग्राम पंचायत ने मेजबानी करते हुए अफसरों के लिए टेंट, भोजन और नाश्ते की व्यवस्था की थी।
कार्यक्रम में लगाए गए बिल गुरुवार को सोशल मीडिया पर वायरल हुए, जिसके बाद यह मामला उजागर हुआ। जिला पंचायत के प्रभारी सीईओ एमपी सिंह ने कहा कि हम लोग उस आयोजन में गए थे, लेकिन वहां इतना ड्राईफ्रूट नहीं था। बिलों की जांच करवाकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
बोरी बंधान कार्यक्रम में पहुंचे थे कलेक्टर
भदवाही ग्राम पंचायत में झूंझा नाला है, जो मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की सीमा को तय करता है। इसी नाले में 25 मई 2025 को जिला स्तरीय बोरी बंधान कार्यक्रम का आयोजन हुआ था। कलेक्टर समेत अन्य अधिकारियों ने बोरी में रेत भरकर नाले में पानी रोकने का कार्य किया। इस दौरान अफसर एक घंटे भदवाही में रहे। अधिकारियों ने फर्जी बिल के माध्यम से सरकारी धन का दुरुपयोग किया और ग्राम पंचायत से इस खर्च का भुगतान करवाया।
क्या है जल गंगा संवर्धन अभियान?
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के आह्वान पर जिले में गांव-गांव में जल गंगा संवर्धन अभियान समाज और सरकार के सहयोग से संचालित किया जा रहा है। इस अभियान के तहत पुरानी जल संरचनाओं जैसे कुओं, तालाबों, बावड़ियों, जल स्रोतों, गांव की नदियों और नालों की साफ-सफाई की जा रही है। हाल ही में सीएम डॉ. मोहन यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस अभियान की प्रगति की जानकारी दी थी।
13 किलो ड्राईफ्रूट के बिल का भुगतान
अफसरों के स्वागत में ग्राम पंचायत ने कोई कसर नहीं छोड़ी। 5 किलो काजू, 6 किलो बादाम और 3 किलो किशमिश के नाम पर 19,010 रुपये का भुगतान करवाया गया। चाय के लिए 6 लीटर दूध और 5 किलो शक्कर खरीदी गई। उसी बिल में 30 किलो नमकीन, 20 पैकेट बिस्कुट, 5 किलो शक्कर और 6 किलो दूध पर 19,010 रुपये खर्च किए गए।
एक किलो काजू के दो अलग-अलग रेट
25 मई 2025 को ग्राम पंचायत द्वारा एक और बिल लगाया गया। इसमें काजू के दाम में अंतर देखा गया। गोविंद गुप्ता किराना स्टोर, ग्राम भरी से 5 किलो काजू 1,000 रुपये प्रति किलो की दर से खरीदा गया, जबकि उसी तारीख को सुरेश तिवारी टी स्टॉल, चुहिरी से 1 किलो काजू मात्र 600 रुपये में खरीदा गया। इसके अलावा, 10 रुपये वाले 50 रसगुल्लों को 500 रुपये की जगह 1,000 रुपये का बिल बनाकर दाम बढ़ाया गया।
ग्रामीणों को ड्राईफ्रूट की जगह मिली खिचड़ी
ग्राम पंचायत ने अफसरों और ग्रामीणों के लिए पूरी और सब्जी की व्यवस्था की थी। पंचायत सरपंच और सचिव ने सुरेश तिवारी टी स्टॉल, चुहीरी और नारायण टी स्टॉल, चुहीरी से पूरी-सब्जी के पैकेट खरीदे। साथ ही गोविंद किराना स्टोर से सामग्री भी खरीदी गई। भदवाही में जल चौपाल का आयोजन हुआ, जिसमें खिचड़ी, पूरी और सब्जी परोसी गई, लेकिन काजू-बादाम जैसी सामग्री कहीं नजर नहीं आई।