Minor daughter gets permission to donate liver to father: इंदौर में पिता को लिवर डोनेट करने के लिए नाबालिग बेटी को हाईकोर्ट से परमिशन मिल गई है। बेटी की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने गुरुवार सुबह 10.30 बजे यह निर्णय दिया। इससे पूर्व मंगलवार शाम सरकारी स्तर पर लिवर डोनेट करने की सहमति मिलने के बाद ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी। जिसके लिए निजी हॉस्पिटल में पिता और डोनर बेटी को डॉक्टरों की टीम ने ऑब्जर्वेशन में ले लिया था।
बतादें कि इंदौर निवासी शिवनारायण बाथम (42) का लिवर फेल हो गया है। जिससे लगातार उनकी हालत बिगड़ रही थी। कंडिशन क्रिटिकल होने और डोनर नहीं मिलने पर नाबालिग बेटी प्रीति ने पिता को लिवर की इच्छा जताई। लेकिन उसकी उम्र 18 साल नहीं है। उसके बालिग होने में दो महीने कम होने की वजह से डॉक्टरों ने ट्रांसप्लांट में कानूनी अड़चन बता दी थी। इस पर नाबालिग बेटी ने कोर्ट की मदद ली और 13 जून को हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
शरीर का बेहद जरूरी भाग है लिवर
लिवर हमारे शरीर का बेहद अहम हिस्सा है। यह शरीर में केमिकल्स के लेवल को कंट्रोल करता है। पित्त बनाने के साथ ही फैट को पचाता है और अपशिष्ट बाहर निकालता है। पेट और आंतों से गुजरने वाला सारा ब्लड लिवर से होकर ही जाता है। इस खून को लिवर फिल्टर कर संतुलित बनाता है। यह हमारे भोजन से पोषक तत्वों को अवशोषित कर शरीर के जरूरी हिस्से तक भेज देता है। बाकी बचे न्यूट्रिशन को स्टोर कर लेता है। इसलिए लिवर की हिफाजत करना बेहद जरूरी है। अक्सर हमारी दिनचर्या और खानपान इसे नुकसान पहुंचते हैं। हालांकि लिवर के पास खुद को रीजेनरेट करने की क्षमता होती है। यह 90 फीसदी तक डैमेज होने के बाद भी अपने मूल स्वरूप में लौट सकता है।