देश में इन दोनों लोकसभा चुनाव का महा मेला जारी है सभी पार्टियों अपनी अपनी जीत का दवा लगा रही हैं, तो वहीं इस बार बीजेपी 400 पार का आंकलन लगाये बैठी है, लेकिन बीजेपी के इस प्लान पर पानी फिरता हुआ दिखाई दे रहा है, कारण यह है कि अब तक देश में हुए दो चरणों के मतदान में कम वोटिंग हुई। खास तौर पर इस बार सबसे चर्चा में मध्य प्रदेश की लोकसभा सीटें रही, जहाँ लगातार दोनों चरणों में वोटिंग ग्राफ गिरता हुआ दिखाई दिया, इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा दिए गए बयान के बाद जिन क्षेत्रों में वोटिंग कम हुई वहाँ के मंत्रियों के होश उड़े हुए हैं।
दमोह लोकसभा सीट में 17.86 फीसदी कम हुआ मतदान
बीजेपी ने इस बार लोकसभा चुनाव में लगातार वोट प्रतिशत बढ़ाने का प्रयास किया साथ ही इसके अलावा कई अभियान भी चलाएं, बावजूद इसके वोटिंग प्रतिशत में इजाफा देखने को नहीं मिला। बता दें कि दमोह लोकसभा सीट में बीते साल नवम्बर में हुए विधानसभा चुनाव की अपेक्षा इस बार काम वोटिंग हुई, बीते चुनाव में दमोह के चारों विधानसभा की जनता ने मतदान में बढ़-चढ़कर भाग लिया था, जिससे जिले का 73.94 प्रतिशत वोटिंग रहा था। ऐसे में लोकसभा चुनाव में संभावना जताई जा रही थी कि इस बार मतदान में लोग बड़ी संख्या में शामिल होंगे, लेकिन दमोह संसदीय सीट में वोटिंग 56.48 प्रतिशत पर ही सीमित हो गई।
जिले के दो मंत्रियों के उड़े होश
हाल ही में गिरते वोटिंग परसेंटेज के बाद भोपाल में अमित शाह ने एक बड़ा बयान दिया था, बयान में गृह मंत्री शाह ने कहा था जिस मंत्री के क्षेत्र में कम वोटिंग हुई है उसका मंत्री पद जाएगा, ऐसे में गृह मंत्री के बयान के बाद दमोह लोकसभा से दो मंत्री लखन पटेल और धर्मेंद्र पटेल के लिए मुसीबतें खड़ी होती दिखाई दे रही हैं।
डिप्टी सीएम राजेन्द्र शुक्ला के क्षेत्र में भी कम हुआ मतदान
मध्य प्रदेश के डिप्टी सीएम और रीवा से पांच बार के विधायक राजेंद्र शुक्ला के क्षेत्र में भी इस बार वोटिंग का ग्राफ कम रहा, बता दें कि पिछली बार की तुलना में इस बार रीवा संसदीय क्षेत्र में 10.91 प्रतिशत कम मतदान हुआ है, वहीं अकेले रीवा विधानसभा में 13.5 प्रतिशत कम मतदान के साथ कुल 48.67 वोटिंग हुई।