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Microplastic Cause Heart Attack : अनजाने में खा रहें हैं माइक्रोप्लास्टिक, हो सकता है हार्ट अटैक 

Microplastic Cause Heart Attack : आजकल हार्ट अटैक के बढ़ते मामले देखकर हर कोई परेशान है। उठते, बैठते और नाचते-गाते लोगों की मौत हो जा रही है। अब हार्ट अटैक से मरने वालों में उम्र की कोई गिनती नहीं रही, कम उम्र के लोगों को भी हार्ट अटैक की समस्या हो रही है। हेल्थ एक्सपर्ट्स इसकी वजह जानने की कोशिश कर रहे हैं। कुछ लोग अचानक हार्ट अटैक के बढ़ते मामलों के लिए कोविड वैक्सीन को जिम्मेदार मान रहें है। लेकिन इटली की एक रिसर्च रिपोर्ट ने डॉक्टरों को भी चौंका दिया है। इस लेख में हम आपको ये भी बता रहें है कि हार्ट अटैक आने की स्थिति में तुरंत क्या करना चाहिए?

माइक्रोप्लास्टिक से हो रही मौतें | Microplastic Cause Heart Attack

हाल ही में इटली के शोधकर्ताओं ने एक चौंकाने वाली रिपोर्ट जारी की है, जिसमें पाया गया है कि हमारे शरीर में माइक्रोप्लास्टिक की मौजूदगी अधिक है। शरीर में माइक्रोप्लास्टिक की अधिक मात्र से हार्ट अटैक, स्ट्रोक और अन्य मौतों का खतरा चार गुना ज्यादा बढ़ जाता है। आजकल जो हार्ट अटैक से मौतें हो रही हैं, वो माइक्रोप्लास्टिक की वजह से हो रही हैं। 

शरीर में कैसे जाती है Microplastic?

माइक्रोप्लास्टिक हमारे शरीर में प्लास्टिक के सामान (पानी की बोतल, खाने के पैकेट), हवा और पानी के माध्यम से पहुंचता है। खास बात है कि ये माइक्रोप्लास्टिक कण कैल्शियम और बैड कोलेस्ट्रॉल के साथ मिलकर खून की नसों में जम जाता है, जिससे धमनियों में क्लॉट बनता है और रक्त प्रवाह बाधित होता है। इसी कारण से हार्ट अटैक आता है। 

माइक्रोप्लास्टिक से 4.53 गुना होता है मौत का खतरा 

रिसर्च में 275 लोगों की बॉडी से प्लाक निकालकर अध्ययन किया गया, जिनमें से 150 लोगों में माइक्रोप्लास्टिक मिली। इन लोगों का करीब तीन साल तक फॉलोअप करने पर पता चला कि इनकी मौत का खतरा सामान्य से 4.53 गुना ज्यादा है।

ये चार दवाइयां घर में जरूर रखें 

डॉक्टर विकास ने बताया है कि घर पर डिस्प्रिन, सॉर्बिट्रेट, अटोर्वा और क्लॉपिडोग्रेल , ये चार दवाइयां इमरजेंसी ड्रग के रूप में जरूर रखें।’ अगर किसी को हार्ट अटैक आए तो उसे ये दवाइयां तुरंत देनी चाहिए। इसके अलावा उसे तुरंत सीपीआर देने की कोशिश करें। 

Heart Attack आने पर क्या करें?

प्लास्टिक के सामान को घर से हटा देना और पानी को कांच या स्टील के ग्लास में पीना जरूरी है। साथ ही, शरीर से माइक्रोप्लास्टिक को डिटॉक्स करने के लिए पसीना बहाने वाले उपाय जैसे सॉना बाथ का सहारा लिया जा सकता है, लेकिन किसी भी उपचार से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

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