मेघालय जो है प्रकृति का स्वर्ग, जहाँ है बादलों का घर

Meghalaya Tourism News In Hindi: मेघालय जिसे बादलों का आलय अर्थात बादलों का निवासस्थान कहा जाता है। भारत के उत्तर-पूर्व में बसा एक ऐसा राज्य है जो अपनी अनुपम प्राकृतिक सुंदरता, समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और रोमांचक पर्यटन स्थलों के लिए जाना जाता है। यह सात बहनों में से एक है, जो असम और बांग्लादेश की सीमाओं से घिरा हुआ है। मेघालय का नाम संस्कृत शब्दों ‘मेघ’ अर्थात बादल और ‘आलय’ अर्थात निवास से मिलकर बना है, जो इसकी भौगोलिक और जलवायु विशेषताओं को दर्शाता है। यहाँ की हरियाली, झरने, गुफाएँ, और जीवित जड़ों के बने हुए पुल पर्यटकों को एक अविस्मरणीय अनुभव प्रदान करते हैं।

मेघालय की प्राकृतिक सुंदरता

मेघालय की सबसे बड़ी विशेषता इसकी प्राकृतिक संपदा है। यहाँ की पहाड़ियाँ, घने जंगल, और क्रिस्टल-क्लियर नदियाँ प्रकृति प्रेमियों के लिए स्वर्ग हैं। यहाँ पर कई प्रमुख पर्यटन स्थल हैं-

शिलांग-
मेघालय की राजधानी शिलांग जिसे “पूर्व का स्कॉटलैंड” कहा जाता है। यहाँ की औपनिवेशिक वास्तुकला, उमियाम झील, और एलिफेंट फॉल्स पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। शिलांग का शांत वातावरण और सांस्कृतिक जीवंतता इसे हर यात्री के लिए खास बनाती है।

चेरापूंजी-
दुनिया में सबसे अधिक वर्षा वाला स्थान, चेरापूंजी अपनी नोहकलिकाई झरने और सेवन सिस्टर्स फॉल्स के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ की मावस्माई गुफाएँ और जीवित जड़ों के पुल पर्यटकों को प्रकृति और मानव रचनात्मकता का अनूठा संगम दिखाते हैं।

मावलिननॉन्ग-
इसे ‘एशिया का सबसे स्वच्छ गाँव’ और ईश्वर का उद्यान कहा जाता है। यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता, जीवित जड़ों के पुल, और स्थानीय खासी समुदाय की पर्यावरण के प्रति जागरूकता पर्यटकों को आकर्षित और आश्चर्यचकित करती है।

डॉकी –
उमंगोट नदी के लिए प्रसिद्ध, जिसका पानी इतना साफ है कि नावें हवा में तैरती प्रतीत होती हैं। यह भारत-बांग्लादेश सीमा के पास स्थित है और नौकायन के लिए एक आदर्श स्थान है।

जीवित जड़ों के पुल –
खासी और जयंतिया समुदायों द्वारा बनाए गए ये पुल प्रकृति और मानव की सहभागिता का अनूठा उदाहरण हैं। नोंग्रीआट गाँव का डबल-डेकर रूट ब्रिज इनमें सबसे प्रसिद्ध है। माना जाता है कुछ पुल 500 साल से भी पुराने हैं।

उमियाम झील –
शिलांग से 15 किमी दूर स्थित यह मानव-निर्मित झील जल क्रीड़ाओं जैसे नौकायन, वाटर-स्कूटर, और क्रूज-बोटिंग के लिए लोकप्रिय है।

साहसिक पर्यटन
इसके अलावा मेघालय साहसिक पर्यटन के लिए भी एक राज्य है। नोंग्रीआट ट्रेक, मावकिनरम ट्रेक, और डेविड स्कॉट ट्रेल जैसे मार्ग साहसिक और उत्साही पर्यटकों के लिए बहुत ही शानदार हैं। ट्रेकिंग और हाइकिंग यहाँ की प्रमुख साहसिक गतिविधियां हैं।

सांस्कृतिक रूप से समृद्धि मेघालय

मेघालय की संस्कृति खासी, जयंतिया, और गारो जनजातियों के इर्द-गिर्द घूमती है। यहाँ की मातृसत्तात्मक व्यवस्था अनूठी है। स्थानीय व्यंजन जैसे जदोह जो चावल और मांस का से बनता है और एक स्थानीय शराब क्यात पर्यटकों को स्थानीय स्वाद का अनुभव कराते हैं। यहाँ के त्योहार जैसे शद सुक मायन्सीम और नोंगक्रेम नृत्य सांस्कृतिक जीवंतता को दर्शाते हैं।

पर्यटन की चुनौतियाँ और सुरक्षा

मेघालय पर्यटन के लिए एकदम सुरक्षित है और यहाँ के स्थानीय लोग मेहमाननवाज़ भी हैं। हालाँकि हाल की कुछ घटनाओं, जैसे राजा और सोनम रघवंशी प्रकरण, ने पर्यटन पर असर डाला है। फिर भी, मेघालय सरकार ने सुरक्षा बढ़ाने के लिए कदम उठाए हैं, जैसे पर्यटन स्थलों पर 1000 सीसीटीवी कैमरे लगाना और ‘टूरिस्ट बडीज’ कार्यक्रम शुरू करना। मेघालय पुलिस की सक्रियता ने भी पर्यटकों का भरोसा बनाए रखा है।

मेघालय यात्रा का सर्वोत्तम समय

मेघालय की यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय अक्टूबर से जून है, क्योंकि मानसून (मई से सितंबर) में भारी बारिश होती है, जो यात्रा को प्रभावित कर सकती है।

कैसे पहुँचें मेघालय

  • यहाँ का निकटतम हवाई अड्डा गुवाहाटी (128 किमी) है, जो भारत के प्रमुख शहरों से जुड़ा है। गुवाहटी शिलॉन्ग से 128 किलोमीटर दूर स्थित है।
  • यहाँ रेलमार्ग द्वारा भी पहुंचा जा सकती है, हालांकि मेघालय में रेलवे स्टेशन नहीं है। गुवाहटी यहाँ का निकटतम रेलवे स्टेशन है।
  • इसके अलावा मेघालय असम और अन्य प्रमुख शहरों से सड़क मार्ग द्वारा अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।

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