Electoral Bonds: मेघा इंजीनियरिंग ने एक छोटी सी जगह में पांच लाख रूपए की पूंजी के साथ अपना बिजनेस शुरू किया था. हाल के सैलून में कंपनी ने कई बड़ी डील्स अपने नाम की है.
Electoral Bond Data MEIL: मेघा इंजीनियरिंग एन्ड इन्फ्रास्ट्रक्चर (MEIL). हैदराबाद की इस कंपनी ने हाल ही में सुर्ख़ियों पर तब आई जब चुनाव आयोग ने इलेक्टोरल बॉन्ड्स से जुड़ा डेटा अपनी वेबसाइट पर अपलोड किया। जानकारी मिली कि इलेक्टोरल बॉन्ड (Electoral Bond Data) से चंदा देने के मामले में कंपनी दूसरे नंबर पर है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कंपनी ने हैदराबाद की एक छोटी सी जगह में 5 लाख रूपए की पूंजी से साथ अपना बिजनेस शुरू किया था. हाल के सालों में कम्पनी ने जोजिला डील अपने नाम की. रिपोर्ट्स के मुताबिक, कंपनी देश के पहले बुलेट ट्रैन प्रोजेक्ट के लिए नोडल स्टेशन का निर्माण कर रही थी. इसके साथ ही कंपनी के पास एक मिडिया समूह का मालिकाना हक़ भी है.
Megha Engineering की कहानी
Story of Megha Engineering: MEIL ने वित्त वर्ष 2019-20 और 2023-24 के बीच 966 करोड़ रुपये के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे. उद्योगपति पामिरेड्डी पिची रेड्डी ने 1989 में कंपनी की स्थापना की थी. शुरुआत में यह कंपनी नगरपालिकाओं के लिए पाइप्स का निर्माण करती थी.
रेड्डी आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले से आते हैं और किसानों के एक परिवार में पैदा हुए थे. उन्होंने हैदराबाद के बेलानगर से अपना बिजनेस शुरू किया था. कंपनी का बिजनेस आगे बढ़ा. धीरे-धीरे कंपनी सड़कें बनानी लगी. इन्फ्रास्ट्रक्चर का डेवलपमेंट करने लगी.
धीरे-धीरे कंपनी को बड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स मिलने लगे. कंपनी डैम, नैचुरल गैस डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क, पावर प्लांट्स और सड़कें बनाने लगी. कंपनी को 1.51 लाख करोड़ का कालेश्वरम लिफ्ट इरिगेशन प्रोजेक्ट मिला. तेलंगाना की BRS सरकार ने कंपनी को यह प्रोजेक्ट दिया था.
Megha Engineering के प्रोजेक्ट्स
Megha Engineering’s Projects: MEIL के प्रोजेक्ट्स की बात करें तो कंपनी को कश्मीर घाटी को लद्दाख से जोड़ने वाला जोजिला टनल प्रोजेक्ट का काम मिला. यूपी में दो अंतर्राज्यीय पावर ट्रांसमिशन प्रोजेक्ट मिले. कर्नाटक में मल्टी विलेज ड्रिकिंग वाटर प्रोजेक्ट का काम मिला. वहीं आंध्र प्रदेश में 960 मेगावाट का हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट का भी काम कंपनी को मिला. MEIL इस समय तेलंगाना में 212.5 MLD क्षमता के अंबरपेटा सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का काम भी कर रही है. कंपनी को ओडिशा और तमिलनाडु में भी प्रोजेक्ट मिले हुए हैं.
कंपनी विवादों में भी रही है. अक्टूबर 2019 में कंपनी के कार्यालयों पर इनकम टैक्स की रेड पड़ी थी. वहीं पिछले साल सरकार ने चीन के इलेक्ट्रिक कार निर्माता BYD और इसकी सहयोगी MEIL के उस प्रस्ताव को रिजेक्ट कर दिया था, जिसके तहत 1 बिलियन डॉलर के निवेश से इलेक्ट्रिक वीकल मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाया जाना था.
क्रिसिल रिपोर्ट के मुताबिक, 31 सितंबर 2023 तक MEIL के पास 1.87 लाख करोड़ रुपये की ऑर्डर बुक है. मौजूदा वित्त वर्ष के पहले 6 महीनों में कंपनी ने 14,341 करोड़ रुपये के राजस्व और टैक्स देने के बाद 1,345 करोड़ रुपये का मुनाफा होने की बात कही. पिछले वित्त वर्ष की इसी समयावधि में कंपनी ने 13,057 करोड़ रुपये का राजस्व और टैक्स देने के बाद 1,534 करोड़ रुपये के मुनाफे की जानकारी दी थी.
ताजा जानकारी के मुताबिक कंपनी ने इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए कुल 966 करोड़ रुपये का चंदा दिया. SBI द्वारा इलेक्टोरल बॉन्ड्स के एल्फा न्यूमेरिक कोड्स की जानकारी दिए जाने के बाद पता चला है कि कंपनी ने 586 करोड़ रुपये BJP को दिए हैं. वहीं BRS को 195 करोड़ रुपये का चंदा दिया है. इसके अलावा DMK को 85 करोड़ रुपये और YSRCP को 37 करोड़ रुपये दिए हैं.