Hathras: हाथरस भगदड़ मामले में बहुजन समाज पार्टी (BSP) प्रमुख मायावती ने एसआईटी रिपोर्ट पर सवाल उठाए हैं। मायावती ने एसआईटी रिपोर्ट को राजनीति से प्रेरित बताया है। उन्होंने कहा है कि मुख्य आयोजक सूरजपाल उर्फ ’भोले बाबा’ की भूमिका पर एसआईटी की चुप्पी चिंता का कारण है।
मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म x पर लिखा,
‘यूपी के हाथरस जिले में सत्संग में मची भगदड़ में 121 मासूम महिलाओं व बच्चों की दुखद मौत सरकारी लापरवाही का जीता जागता सबूत है। लेकिन इस मामले पर गठित एसआईटी द्वारा सरकार को सौंपी गई रिपोर्ट घटना की गंभीरता पर आधारित न होकर राजनीति से प्रेरित अधिक प्रतीत होती है, यह अत्यंत दुःखद है।’
मायावती ने आगे लिखा,
‘इस जानलेवा घटना के मुख्य सूत्रधार भोले बाबा की भूमिका के बारे में एसआईटी की चुप्पी भी लोगों में चिंता का विषय है। साथ ही, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के बजाय उन्हें क्लीन चिट देने की कोशिश भी काफी चर्चा का विषय बन गई है। सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।’
Hathras भगदड़ पर आई SIT रिपोर्ट में क्या-क्या लिखा है?
सोमवार 08 जुलाई को एसआईटी ने अपनी 300 पन्नों की रिपोर्ट शासन को सौंप दी। इसमें भगदड़ के लिए आयोजन समिति की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया गया। साथ ही प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल उठाए गए। हालांकि इस रिपोर्ट में सूरजपाल उर्फ साकार विश्व हरि उर्फ ’भोले बाबा’ का कोई जिक्र नहीं था। एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि सत्संग का आयोजन करने वाली समिति ने अनुमति से ज्यादा लोगों को बुलाया था। जिसके लिए उनके पास पर्याप्त इंतजाम नहीं थे। एसआईटी ने इस हादसे के लिए मुख्य रूप से कार्यक्रम आयोजकों को जिम्मेदार ठहराया। इसके अलावा एसआईटी ने प्रशासन पर भी सवाल उठाए हैं। इसके मुताबिक, पर्याप्त इंतजाम न होने के बावजूद कार्यक्रम की अनुमति दे दी गई। साथ ही अफसरों ने मौके का मुआयना भी नहीं किया, जिसके चलते यह हादसा हुआ। समिति ने हादसे के पीछे किसी बड़ी साजिश से भी इनकार नहीं किया और कहा कि मामले की गहन जांच की जरूरत है।
SIT की रिपोर्ट आई बड़े अफसर सस्पेन्ड
सोमवार 08 जुलाई को एसआईटी ने अपनी 300 पन्नों की रिपोर्ट शासन को सौंप दी। इसमें भगदड़ के लिए आयोजन समिति की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया गया। साथ ही प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल उठाए गए। हालांकि इस रिपोर्ट में सूरजपाल उर्फ साकार विश्व हरि उर्फ ’भोले बाबा’ का कोई जिक्र नहीं था। एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि सत्संग का आयोजन करने वाली समिति ने अनुमति से ज्यादा लोगों को बुलाया था। जिसके लिए उनके पास पर्याप्त इंतजाम नहीं थे। एसआईटी ने इस हादसे के लिए मुख्य रूप से कार्यक्रम आयोजकों को जिम्मेदार ठहराया। इसके अलावा एसआईटी ने प्रशासन पर भी सवाल उठाए हैं। इसके मुताबिक पर्याप्त इंतजाम न होने के बावजूद कार्यक्रम की अनुमति दे दी गई। साथ ही अफसरों ने मौके का मुआयना भी नहीं किया, जिसकी वजह से यह हादसा हुआ। समिति ने हादसे के पीछे किसी बड़ी साजिश से भी इनकार नहीं किया और कहा कि मामले की गहन जांच की जरूरत है।