Mauganj News: लोगों को गांव से बाहर जाने के लिए रोक दिया गया था. किसी को भी गांव के अंदर प्रवेश करने की अनुमति नहीं थी। यहां तक कि मीडिया को कार्रवाई स्थल पर जाने से रोक दिया गया था। सड़क के 500 मीटर दूर तक घेरा बनाया गया. बस्ती में आने-जाने वाले तीनों रास्तों को बंद कर दिया गया.
Mauganj News: मऊगंज में देवरा महादेवन गाँव में हुए हंगामे और पथराव के 6 दिन बाद प्रशासनिक अमला अतिक्रमण हटाने पहुंचा। अतिक्रमण दस्ते के साथ बुलडोजर और पुलिस का वज्र वाहन भी पहुंचा. 300 से ज्यादा पुलिस बल के साथ कलेक्टर अजय श्रीवास्तव, एसपी रसना ठाकुर भी मौके पर मौजूद रहे. पूरे इलाके को छावनी में तब्दील कर दिया गया. यहां पहले से बीएनएस की धारा 163 लागू थी. इधर भाजपा विधायक प्रदीप पटेल भी नईगढ़ी रेस्ट हॉउस में रखा गया हैं.
गांव के अंदर जाने की नहीं है अनुमति
लोगों को गांव से बाहर जाने के लिए रोक दिया गया था. किसी को भी गांव के अंदर प्रवेश करने की अनुमति नहीं थी। यहां तक कि मीडिया को कार्रवाई स्थल पर जाने से रोक दिया गया था। सड़क के 500 मीटर दूर तक घेरा बनाया गया. बस्ती में आने-जाने वाले तीनों रास्तों को बंद कर दिया गया. यहां लगभग 5 जेसीबी और 5 से ज्यादा डंपर खड़े किए गए. खाली जगह पर बाउंड्री और अन्य अवैध निर्माण को भी तोड़ा गया है.
कैसे शुरू हुआ पूरा विवाद
दरअसल रविवार 17 नवंबर की सुबह लगभग 11 बजे हिंदू नेता संतोष तिवारी मंदिर के पास कब्ज़ा हटाने की मांग को लेकर अनशन पर बैठे थे. उनका कहना था कि 9 एकड़ जमीन में से 90 फीसदी जमीन मुस्लिम समुदाय के लोगों ने कब्ज़ा कर लिया है. इसे अतिक्रमण मुक्त कराया जाना चाहिए। दो दिन बाद जब प्रशासन कब्ज़ा हटाने नहीं पहुंचा तो मंगलवार की शाम 4 बजे भाजपा कार्यकर्ता जेसीबी लेकर पहुंच गए. थोड़ी ही देर बाद विधायक प्रदीप पटेल भी मौके पर पहुंचे। विधायक ने कहा कि प्रशासन की बात पर अब कोई भरोसा नहीं है. हम खुद अतिक्रमण हटाएंगे।
इसके बाद विधायक ने बताया कि कब्जा हटाने के लिए चार महीने पहले प्रदर्शन किया था. कलेक्टर ने आश्वासन दिया था. इससे पहले भी कई बार ज्ञापन सौपा गया था, लेकिन कुछ नहीं हुआ. अब सब्र का बांध टूट गया है.
दोनों ओर से पत्थरबाजी और नारेबाजी
अतिक्रमण हटाने की जानकारी मिलते ही मुस्लिम समुदाय के लोग भी मौके पर जमा हो गए. विवाद बढ़ा तो दोनों ओर से पत्थर फेंके गए. नारेबाजी होने लगी. इसमें कुछ लोग घायल भी हुए. सूचना मिलते ही कलेक्टर और एसपी समेत बड़ी संख्या में पुलिस बल पहुंच गया.