Mauganj Adiwasi Hinsa: मऊगंज में आदिवासी परिवारों पर हुई हिंसा की सीबीआई जांच की मांग वाली जनहित याचिका पर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। घटना में कई आदिवासी और एक एएसआई की मौत हुई थी। कोर्ट ने नोटिस जारी कर अगली सुनवाई 19 नवंबर को तय की है।
Mauganj Adiwasi Hinsa: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की जबलपुर बेंच में मऊगंज के ग्राम गडऱा में आदिवासी परिवारों के साथ हुई हिंसा की CBI जांच की मांग को लेकर जनहित याचिका दायर की गई थी। चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की खंडपीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को स्टेटस रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया। साथ ही, सभी प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर अगली सुनवाई की तारीख 19 नवंबर निर्धारित की गई है।
याचिका रीवा हनुमानना निवासी पूर्व विधायक सुखेंद्र सिंह ‘बन्ना’ की ओर से दायर की गई। इसमें कहा गया कि भू-माफियाओं द्वारा आदिवासी परिवारों की जमीन खाली कराने के प्रयास में मारपीट हुई, जिससे हिंसा भड़क उठी। इस दौरान ड्यूटी पर तैनात एक ASI की मौत हो गई। याचिका के अनुसार, भू-माफियाओं ने कई आदिवासियों की हत्या की और एक ही परिवार के तीन सदस्य फांसी के फंदे पर लटके मिले।
हिंसा में करीब आधा दर्जन लोगों की जान गई, जबकि डेढ़ से दो सौ आदिवासी परिवार घरबार छोड़कर लापता हो गए, जिनका अब तक कोई पता नहीं चला। संबंधित अधिकारियों से लेकर उच्चाधिकारियों तक शिकायत के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई, जिसके चलते याचिका दायर की गई।
याचिका में गृह विभाग के प्रमुख सचिव, डीजीपी रीवा, आईजी रीवा, कलेक्टर मऊगंज, एसपी मऊगंज, केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय सचिव और CBI को प्रतिवादी बनाया गया। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता काजी फखरुद्दीन ने पैरवी की।

 
		 
		 
		