Martyr Kabir Das cremated in Chhindwara: जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के हमले में शहीद हुए जवान कबीर दास उईके का पार्थिव शरीर आज छिंदवाड़ा लाया गया। जहां पैतृक गांव पुलपुलडोह में राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। सीआरपीएफ जवानों ने उन्हें सलामी दी। कबीर आखिरी दर्शन और अंतिम यात्रा में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में लोग एकत्र हुए। अंतिम यात्रा के दर्शन करने लोग घरों की छतों पर चढ़ गए। बतादें कि शहीद का पार्थिव शरीर पहले हवाई मार्ग से गुरुवार सुबह नागपुर लाया गया। यहां से सड़क मार्ग से पुलपुलडोह (मरजातपुर) लाया गया। शहीद कबीर दास को सीआरपीएफ के जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया। जिस तिरंगे से ढंककर उनकी पार्थिव देह लाई गई, वो तिरंगा उनके परिजन को भेंट किया गया। इसके बाद आदिवासी परंपरा के मुताबिक कबीर की पार्थिव देह को दफनाया गया।
जानकारी के मुताबिक जम्मू – कश्मीर के कठुआ जिले के हीरानगर स्थित सैदा सुखल गांव में मंगलवार रात 8 बजे आतंकी हमला हुआ था। जिसमें सीआरपीएफ कॉन्स्टेबल कबीर दास गोली लगने से घायल हो गए थे। बुधवार सुबह उपचार के दौरान उनका निधन हो गया।
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चार साल पहले हुई थी शादी
शहीद कबीर दास उईके (35) छिंदवाड़ा की बिछुआ तहसील के पुलपुलडोह के रहने वाले थे। उन्होंने 2011 में सीआरपीएफ जॉइन की थी। उनकी शादी 4 साल पहले हुई थी। परिवार में मां इंदरवति, पत्नी ममता और छोटा भाई है। जबकि दो बहनों की शादी हो चुकी है। उनके पिता का निधन हो चुका है। बताया जा रहा है कि 8 दिन पहले ही 20 दिन की छुट्टी के बाद वे ड्यूटी पर लौटे थे। जल्द ही उनकी पोस्टिंग भोपाल में होने वाली थी।
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प्रशासन ने घर के सामने बनवाई सड़क
शहीद कबीर दास के घर तक जाने वाली सड़क पर बारिश के कारण कीचड़ था। अंतिम संस्कार के दौरान कोई दिक्कत न हो इसलिए प्रशासन ने बुधवार रात यहां सड़क बनवा दी। अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव पुलपुलडोह में किया गया।
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