शहीद इंस्पेक्टर आशीष शर्मा पंचतत्व में विलीन, सीएम मोहन ने दिया कंधा, नक्सलियों को ऐसे करते रहे ढ़ेर

नरसिंहपुर। माओवादियों से बालाघाट में लड़ते हुए वीर गति को प्राप्त हुए इंस्पेक्टर आशीष शर्मा का पार्थिव शरीर गुरूवार को उनके गृहग्राम नरसिंहपुर जिले के बोहनी गांव पहुचा। शहीद को अंतिम विदाई देने के लिए सीएम मोहन यादव स्वयं पहुचे थे और मुख्यमंत्री समेत कैबिनेट मंत्री प्रहलाद पटेल ने शहीद के पार्थिव शरीर को कंधा देकर अंतिम संस्कार में शामिल हुए। शहीद के इस अंतिम यात्रा में कैबिनेट मंत्री उदय प्रताप सिंह, मप्र कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार समेत अन्य ने हिस्सा लेकर अपनी श्रद्धांजलि दिए है।

सीएम ने शहीद के भाई को बनाया इंस्पेक्ट

शहीद के अंतिम संस्कार में पहुचे मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस दौरान बड़ा एलान करते हुए कहा कि शहीद इंस्पेक्टर के छोटे भाई को सारे नियमों को शिथिल करते हुए सब इंस्पेक्टर बनाया जाएगा, वही शहीद के परिवार को एक करोड़ रुपए की सम्मान निधि दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि आशीष शर्मा के नाम पर गांव में एक पार्क और एक स्टेडियम बनाया जाएगा।

टीम को लीड कर रहे थे आशीष शर्मा

एंटी नक्सल ऑपरेशन अधिकारियों के अनुसार बुधवार को मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ पुलिस ने सीमावर्ती क्षेत्र बोर तालाब के पास एक जॉइंट ऑपरेशन चलाया था, जहाँ नक्सलियों से मुठभेड़ में तीनों टीम को लीड कर रहे इंस्पेक्टर आशीष शर्मा को गोली लग गई और अपनी डुयूटी करते हुए इंस्पेक्टर शहीद हो गए थें।

2016 में पुलिस फोर्स ज्वाइन किए थे शहीद आशीष शर्मा

शहीद आशीष शर्मा 2016 में मध्यप्रदेश पुलिस में भर्ती हुए थें, वे 2018 में हॉक फोर्स बालाघाट में पदस्थापना पाई। उन्होंने 18 दिसंबर 2022 को 14 लाख के इनामी नक्सली गोडी को मार गिराया, 22 अप्रैल 2023 को 28 लाख की इनामी एसीएम सुनीता और सरिता को ढेर किया। उनकी वीरता के कारण उन्हें 21 फरवरी 2023 को उपनिरीक्षक से निरीक्षक पद पर आउट ऑफ टर्न प्रमोशन मिला था। उनका अंतिम शौर्य 19 फरवरी 2025 को रौंदा टोला मुठभेड़ में दिखा, जहाँ उन्होंने 62 लाख की कुल इनामी नक्सली कमांडर आशा सहित चार नक्सलियों को मार गिराया था।

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