Amit Shah high level meeting: मणिपुर में पिछले दो साल से अशांती है. इस हिंसा में कई जानें जा चुकी हैं, जबकि व्यापक पैमाने पर सरकारी और निजी संपत्तियों का नुकसान हुआ है. इसके गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर में सुरक्षा के हालात की समीक्षा के लिए हाई-लेवल मीटिंग की है.
High level meeting on Manipur: मणिपुर के हालात पिछले दो साल से असामान्य हैं. जातीय हिंसा के चलते आम जनजीवन बहुत ही ज्यादा प्रभावित हुआ है. सुरक्षाबलों की तैनाती के बावजूद भी हिंसा की घटनाएं अक्सर ही सामने आती रही हैं. प्रदेश के हालात को इससे ही समझा जा सकता है कि कई इलाकों में आवाजाही बंद है. अब गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर में शांति बहाल करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है. उन्होंने 1 मार्च को मणिपुर की मौजूदा सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करते हुए निर्देश दिया कि 8 मार्च तक मणिपुर के सभी रास्तों पर जनता की मुक्त आवाजाही सुनिश्चित की जाए. साथ ही उन्होंने इन रास्तों पर अवरोध या रुकावट पैदा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के आदेश भी दिए हैं. गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई हाई लेवल मीटिंग में प्रदेश के राज्यपाल, होम सेक्रेटरी, आर्मी कमांडर (ईस्ट कमान), बीएसएफ के महानिदेशक, सीआरपीएफ के डीजी, वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ, असम राइफल्स के चीफ के साथ ही अन्य सीनियर अधिकारी शामिल रहे.
बैठक में गृह मंत्री अमित शाह ने निर्देश दिया कि 8 मार्च 2025 से मणिपुर के सभी रास्तों पर जनता की मुक्त आवाजाही सुनिश्चित की जाए. उन्होंने जबरन उगाही के सभी मामलों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई जारी रखने का आदेश दिया है. इसके अलावा मणिपुर से लगने वाले इंटरनेशनल बॉर्डर पर आवाजाही के लिए चिन्हित किए गए एंट्री प्वाइंट के दोनों तरफ बाड़ लगाने के काम को जल्द पूरा करने को कहा है.
ड्रग नेटवर्क के खिलाफ सख्त एक्शन
अमित शाह ने मीटिंग में मणिपुर को नशामुक्त बनाने के लिए नशे के काले कारोबार में लिप्त पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करने का आदेश दिया है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार मणिपुर में शांति बहाली के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए हरसंभव मदद कर रही है. मणिपुर के हालात को देखते हुए प्रदेश में व्यापक पैमाने पर सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है, ताकि उपद्रवियों से निपटा जा सके और सामान्य जीवन को फिर से बहाल किया जा सके.
मणिपुर में राष्ट्रपति शासन
मणिपुर में हालात को देखते हुए मुख्यमंत्री बीरेन सिंह पर काफी दबाव था. आखिरकार उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और उसके बाद प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया. मणिपुर में करीब डेढ़ साल पहले हिंसा का दौर शुरू हुआ था. 27 मार्च 2023 को मणिपुर हाईकोर्ट ने एक आदेश में राज्य सरकार से मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) की सूची में शामिल करने की बात पर जल्दी विचार करने को कहा था. इस आदेश के कुछ दिन बाद 3 मई 2023 को राज्य में कुकी और मैतेई समुदायों के बीच जातीय हिंसा भड़क गई थी. इसमें कई जानें भी गईं. ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन मणिपुर द्वारा आयोजित एक रैली के हिंसक हो जाने के बाद प्रशासन ने शूट ऐट साइट का ऑर्डर भी जारी किया था. उसके बाद प्रदेश के अधिकांश जिलों में कर्फ़्यू लगा दिया गया और हालात को नियंत्रित करने के लिए सेना और असम राइफ़ल्स के जवानों को तैनात किया गया.