Manipur CM N Biren Singh resigns : रविवार को भाजपा सरकार का नेतृत्व कर रहे मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने इंफाल स्थित राजभवन में राज्यपाल अजय कुमार भल्ला को त्यागपत्र सौंपा। उन्होंने यह कदम राज्य में चल रही राजनीतिक हलचलों के कारण उठाया। उनका इस्तीफा कई महीनों की राजनीतिक अशांति और पार्टी के अंदर चल रही चर्चा के बाद आया है।
मणिपुर सीएम ने पद से दिया इस्तीफा | Manipur CM Resigns
इस्तीफा देने के एक दिन पहले मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। इसके बाद, वह भाजपा सांसद संबित पात्रा, मणिपुर के मंत्रियों और विधायकों के साथ राज्यपाल से मुलाकात करने पहुंचे। जिसके बाद बीरेन सिंह ने मणिपुर के सीएम पद से इस्तीफा दे दिया।
भाजपा में फैले असंतोष के चलते उठाया कदम
मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने अपने इस्तीफे के जरिए राज्य भाजपा में उभरते असंतोष को शांत करने का प्रयास किया, क्योंकि उनकी सरकार को कांग्रेस द्वारा पेश किए गए अविश्वास प्रस्ताव और फ्लोर टेस्ट की चुनौती का सामना करना पड़ रहा था।
इस्तीफे में एन बीरेन सिंह ने लिखा | N Biren Singh Resign
अपने इस्तीफे में सिंह ने केंद्र सरकार के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा, “केंद्र सरकार द्वारा समय पर की गई कार्रवाई, हस्तक्षेप और मणिपुर के हर नागरिक के हितों को ध्यान में रखते हुए किए गए विकास कार्यों के लिए मैं आभारी हूं।” उन्होंने केंद्र से भविष्य में भी समर्थन बनाए रखने की अपील की और प्रमुख प्राथमिकताएं सूचीबद्ध कीं:
- मणिपुर की क्षेत्रीय अखंडता को बनाए रखना, जो हजारों वर्षों की समृद्ध और विविध संस्कृति का प्रतीक है।
- सीमा पर घुसपैठ को रोकने के लिए कड़ी नीति लागू करना और अवैध प्रवासियों का निष्कासन सुनिश्चित करना।
- नशीली दवाओं और नार्को आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष जारी रखना।
- बायोमेट्रिक निगरानी के साथ संशोधित मुक्त आवागमन व्यवस्था (एफएमआर) का सख्त पालन।
- सीमावर्ती बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का समय पर पूरा होना सुनिश्चित करना।
राज्यपाल के फैसले का इंतज़ार | Manipur CM resign today
मणिपुर के मुख्यमंत्री और वीरेंद्र सिंह ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। अब राज्यपाल से अगली कार्रवाई के बारे में जल्द ही निर्णय की उम्मीद है।
क्यों दिया बीरेन सिंह ने इस्तीफा
हालांकि नेशनल पीपुल्स पार्टी के सहयोगी कॉनराड संगमा द्वारा समर्थन वापस लिए जाने के बावजूद भाजपा के पास पर्याप्त संख्या है, लेकिन यह संभावना जताई जा रही है कि नेतृत्व परिवर्तन की मांग करने वाले विधायकों ने फ्लोर टेस्ट के समय पार्टी व्हिप का उल्लंघन किया होगा। इस स्थिति से बचने के लिए, मुख्यमंत्री ने केंद्रीय नेतृत्व से परामर्श के बाद अपना इस्तीफा सौंपा।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, लगभग 12 विधायक नेतृत्व परिवर्तन की मांग कर रहे थे, जबकि 6 विधायक इस मुद्दे पर अनिर्णीत थे। सूत्रों ने यह भी बताया कि स्पीकर और मुख्यमंत्री के बीच कुछ मतभेद भी थे। साथ ही दिल्ली चुनावों में भाजपा की सफलता के बाद पार्टी हाईकमान नहीं चाहता था कि मणिपुर में उभरता हुआ राजनीतिक संकट इस सकारात्मक माहौल पर प्रभाव डाले।
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