Mandir Se Wapas Ane Par Na Kare Ye Bhool: सावधान मंदिर से लौटते वक्त कभी ना करें यह तीन बड़ी भूल

Mandir Se Wapas Ane Par Na Kare Ye Bhool

Mandir Se Wapas Ane Par Na Kare Ye Bhool: मंदिर केवल ईंट पत्थर की इमारत नहीं बल्कि ऊर्जा और दिव्यता का केंद्र होते हैं। जब कोई श्रद्धालु मंदिर जाता है तो वह केवल भगवान के दर्शन नहीं करता बल्कि अपने साथ-साथ दिव्य ऊर्जा लेकर भी लौटता है। ऐसे में मंदिर(mandir me puja ke niyam) में जब कभी आप जाते हैं तो लौटते समय कुछ छोटी गलतियां कर बैठते हैं। हालांकि यह गलतियां अनजाने में होती है परंतु उसकी वजह से आपके द्वारा एकत्रित की गई दिव्य ऊर्जा कम हो जाती है। आज के इस लेख में हम आपको इसी के बारे में विशेष जानकारी उपलब्ध करवाएंगे।

Mandir Se Wapas Ane Par Na Kare Ye Bhool
Mandir Se Wapas Ane Par Na Kare Ye Bhool

मंदिर से लाई हुई सकारात्मक ऊर्जा को न करें कम (positive energy of temple)

सनातन धर्म में मंदिर जाने के कुछ नियम बनाए गए हैं। मंदिर में जाते समय और मंदिर से वापस आते समय इन नियमों का पालन करना अनिवार्य है ताकि हम मंदिर से वापस लौटते समय अपने साथ भगवान की दिव्य ऊर्जा और सकारात्मकता लेकर लौटे। आज हम उन मुख्य गलतियों की चर्चा करेंगे जो मंदिर से लौटते समय हम कर बैठते हैं और जिसकी वजह से हमारे द्वारा इकट्ठा की गई सकारात्मक ऊर्जा कम हो जाती है।

मंदिर से लौटते वक्त कौन सी गलतियां नहीं करनी चाहिए(mandir me na kare ye galatiya)

लौटते समय मंदिर की घंटी बजाना: आमतौर पर हम मंदिर में प्रवेश करते समय मंदिर की घंटी बजाते हैं और दर्शन करने के बाद जब वापस मुड़ते हैं तब भी हम में से कई लोग मंदिर की घंटी फिर से बजाते हैं। ऐसा करने से आपके द्वारा एकत्रित की गई ऊर्जा पीछे रह जाती है। हमेशा मंदिर में प्रवेश के दौरान ही घंटी बजाएं वापसी में घंटी कभी भी ना बजाएं।

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मंदिर से खाली हाथ लौटना: मंदिर में जब कभी आप जाते हैं तो हमेशा अपने साथ कुछ प्रसाद या पूजा सामग्री लेकर जाते हैं। ऐसे में जब आप मंदिर से वापस आते हैं तो अपने साथ हमेशा प्रसाद जल या कोई फूल जरूर लेकर आए। मंदिर से मिला यह प्रसाद जल या फुल सकारात्मक ऊर्जा का ही प्रमाण होता है। ऐसे में हमेशा कोशिश करें कि अपने साथ मंदिर से जुड़ी कोई निशानी लेकर ही बाहर निकले।

मंदिर से वापस आकर तुरंत हाथ पैर धोना: जब कभी आप मंदिर में प्रवेश करते हैं तो अपने हाथ पैर धोकर प्रवेश करते हैं, ऐसे में आप नकारात्मक ऊर्जा को बाहर छोड़कर मंदिर में अंदर जाते हैं। वहीं जब आप मंदिर में से सकारात्मक ऊर्जा लेकर बाहर निकलते हैं तो घर आने के बाद हाथ पैर धोने से बचें, क्योंकि ऐसा करने से आप मंदिर से इकट्ठा की गई सकारात्मक ऊर्जा को कम कर देते हैं। हमेशा कुछ देर इंतजार करने के बाद ही हाथ पैर धोने पर विचार करें।

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