‘कैश फॉर क्वेरी’ मामले में TMC सांसद महुआ मोइत्रा पर लगे आरोपों के बीच ममता बनर्जी ने अडानी ग्रुप पर बड़ा कदम उठया है. ऐसे में एक सवाल खड़ा होता है कि ऐसा क्यों हुआ? तो आइये जानते हैं पूरा मामला
Mahua Moitra latest news in hindi: ‘Cash for query’ मामले में TMC नेता महुआ मोइत्रा पर गंभीर आरोप लगा है. लोकसभा एथिक्स पैनल ने उन्हें बहार करने की सिफारिश की है. TMC सांसद और अडानी ग्रुप के बीच चल रही, इस खींचतान के बीच ममता सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. पक्षिम बंगाल सरकार ने अडानी ग्रुप से 25 हजार करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट छीन लिया है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, अडानी ग्रुप को ताजपुर पोर्ट को विकसित करने के लिए 25 हजार करोड़ का प्रोजेक्ट दिया गया था. 20 नवंबर को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने स्प्ष्ट किया कि इस प्रोजेक्ट के लिए जल्द ही टेंडर जारी किया जाएगा. रिपोर्ट के मुताबिक, इससे पहले इस प्रोजेक्ट को अडानी ग्रुप को सौंपा गया था. लेकिन अब ममता बनर्जी ने घोषणा की है कि इसके लिए फिर से फ्रेश टेंडर निकाले जाएंगे.
इससे पहले उद्योगपति गौतम अडानी ने बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट 2022 में भाग लिया था. यहां उन्होंने 10 हजार करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की थी. जिसके दो महीने बाद, पिछले साल अक्टूबर में ममता बनर्जी ने खुद कोलकाता में अडानी पोर्ट्स के सीईओ करण अडानी को LOI (Letter of Intent) सौंपा था.
राज्य सरकार ने जब इस प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी अडानी ग्रुप को दी थी, तब इस पर काफी चर्चा भी हुई थी. कहा गया था जहां एक तरफ विपक्ष की सरकार अडानी ग्रुप पर हमलावर है, तो वही दूसरी तरफ ममता सरकार बड़े प्रोजेक्ट का काम उसी को सौप रही है.
हीरानंदानी ने महुआ मोइत्रा पर लगाया था आरोप
व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी ने बीते 19 अक्टूबर को एक हलफनामा दायर किया था. इसमें आरोप लगाया गया था कि TMC सासंद महुआ मोइत्रा PM नरेंद्र मोदी को बदनाम और शर्मिंदा करने के लिए गौतम अडानी पर हमला बोलती थीं. बिजनेसमैन हीरानंदानी ने लिखा है कि वो मोइत्रा को महंगे तोहफे भी दिया करते थे. साथ ही महुआ की यात्राओं और छुट्टियों का खर्च भी उठाया था. हीरानंदानी ने कहा था कि उन्होंने TMC सांसद मोइत्रा का संसद का लॉगइन भी इस्तेमाल किया था. इसका इस्तेमाल संसद में अडानी समूह को घेरने वाले सवाल को पूछने के लिए किया गया था.
हालांकि इसके जवाब महुआ मोइत्रा ने आरोप लगाया है कि PMO ने जबरन दर्शन हीरानंदानी से हलफनामे पर साइन कराए हैं. इस मामले में लोकसभा एथिक्स पैनल ने जांच की. पैनल ने बीते 9 नवंबर को अपनी रिपोर्ट पेश की. पैनल की तरफ से सांसद को निकलने की सिफारिश की गई है. 6 सदस्यों ने इसके पक्ष में मतदान किया, तो वहीं 4 सदस्यों ने इसका विरोध किया था.