Mamata Banerjee को INDIA से क्या चाहिए

Mamata Banerjee INDIA Leadership : लोकसभा चुनाव में मोदी को सत्ता से हटाने के लिए विपक्षी गठबंधनों ने एक महागठबंधन बनाया। कांग्रेस, सपा, शिवसेना, DMK, TMC, NCP, AAP, RJD, CPI जैसे तमाम छोटे – बड़े 28 दलों के इस महादल को पश्चिम बंगाल की मुख्य मंत्री ने नाम दिया INDIA यानी इंडियन नेशनल डेवलोपमेंट इन्क्लूसिव अलायंस। लोकसभा चुनाव हुए और इंडि अलायंस हार गया, इसके बाद हरियाणा और महाराष्ट्र के चुनाव में भी इंडि अलायंस कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर पाया, देखा जाए तो झारखण्ड और जम्मू कश्मीर में इंडि अलायंस नहीं बल्कि JMM और JKNC की जीत हुई. इस दल में आपस में भी सीटों को लेकर मनमुटाव चलता ही रहता है, कभी एक दूसरे के खिलाफ ही अपना कैंडिडेट खड़ा कर देते हैं तो कभी अकेले चुनाव लड़ने की बात करते हैं, संसद में भी इंडि दल कांग्रेस पर पूरी तरह निर्भर रहता है, कांग्रेस के मुद्दों को देश का मुद्दा मानता है। इसी वजह से अब समाजवादी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस इस दल से अलग होने लगे है, अडानी मामले में दोनों दलों के नेता अलायंस के प्रदर्शन में साथ नज़र नहीं आए थे. अब ममता बनर्जी को भी ये आभास हो गया है कि इंडि अलायंस का नेतृत्व सही हाथों में नहीं है और यहां अव्यवस्था है ऐसे में ममता बनर्जी को इस गठबंधन की कमान अपने हाथ में चाहिए।

ममता बनर्जी का इंडि अलायंस को लेकर दिया हालिया बयान सुर्ख़ियों में हैं . उन्होंने कहा कि – मैंने ही इंडिया गठबंधन बनाया और इसका गठन करवाया, लेकिन इसे व्यवस्थित करना, इसका नेतृत्व करने वालों पर निर्भर है. अगर वो इसे ठीक से नहीं चला सकते तो क्या कर सकते हैं ? उन्होंने आगे कहा कि मुझे मौका मिले तो मैं इस गठंबंधन को लीड जरूर करुँगी, मैं बंगाल से बाहर नहीं जाउंगी मगर सीएम रहते दोनों काम की जिम्मेदारी ले सकती हूँ.

ममता ने ऐसा बयान दिया तो इंडि दल में बवाल मच गया. ममता ने एक तरह से कांग्रेस नेत्र्तव को कमजोर बता दिया क्योंकी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ही इंडि अलायंस के चेयरमैन हैं. ममता की बातों पर कांग्रेस नेता उदित राज का रिएक्शन आया उन्होंने कहा कि जो पार्टी पश्चिम बंगाल से बाहर नहीं निकल पाई वो देश का नेतृत्व कैसे कर सकती है ?

वहीं शिवसेना UBT की राज्य सभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने ममता के नेतृत्व पर भरोसा व्यक्त करते हुए कहा की जब भी इंडि अलायंस की मीटिंग होगी इस विषय पर चर्चा की जाएगी।

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वहीं इस मामले पर भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता प्रदीप भंडारी का भी बयान सामने आया उन्होंने कहा कि – राहुल गांधी , प्रियंका और सोनिया गांधी के नेतृत्व पर किसी को विश्वास नहीं है.

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देखा जाए तो लोकसभा चुनाव के बाद इंडि अलायंस टूटने भी लगा है. हरियाणा में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने अलग – अलग चुनाव लड़ा, झारखण्ड की भी कुछ सीटों में इंडि दल के बीच सामंजस्य नहीं बना , महाराष्ट्र में भी सीट शेयरिंग को लेकर सपा और महाविकास में अनबन हुई और आगामी दिल्ली चुनाव में तो कांग्रेस को सीधे आम आदमी पार्टी से ही भिड़ना है. ये कैसा गठबंधन है जो लोकसाभा में एक हो जाता है और राज्यों के चुनाव में एक दूसरे के खिलाफ। यही वजह है कि ममता बनर्जी अब इस दल की कमान अपने हाथ में लेना चाहती हैं लेकिन सवाल ये है कि क्या कांग्रेस इतनी आसानी से इंडि अलायंस का नेतृत्व किसी ओर के हाथों में सौंप देगी ? अगर कांग्रेस ऐसा करती है तो प्रश्नचिन्ह कांग्रेस के नेतृत्व पर भी खड़ा होगा। खैर ममता की मांग पर अबतक कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने अबतक कोई रिएक्शन नहीं दिया है. वैसे आपको क्या लगता है ममता बनर्जी को कमान मिल गई तो इंडि अलायंस मजबूत होगा या टूट कर बिखर जाएगा ?

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