Malta ship hijacked: भारतीय नौसेना ने अपने युद्धपोत अदान की खाड़ी में हाईजैक हुए जहाज MV रूएन की मदद के लिए भेज दिया। बता दें कि हाईजैक हुए जहाज में 18 लोग मौजूद हैं. शिप हाईजैक कर सोमालिया ले जा रहे पायरेट्स।
भारतीय नौसेना अरब सागर में समुद्री लुटेरों से माल्टा के जहाज को रेस्क्यू करा रही है. 14 दिसंबर को नौसेना को अलर्ट मिला था. इसके बाद नौसेना ने अपना युद्धपोत अदान की खाड़ी में हाईजैक हुए जहाज MV रूएन की मदद के लिए भेज दिया। हाईजैक हुए जहाज पर 18 लोग मौजूद हैं. नौसेना को UKMTO पोर्टल पर मैसेज मिला था कि 6 अनजान लोग उनकी शिप पर आ गए हैं. इसके बाद सर्विलांस के लिए नौसेना ने अपने विमान को अदान की खाड़ी में MV रूएन को लोकेट करने के काम पर लगा दिया।
विमान ने आज भी पूरे इलाके का हवाई सर्वे कर हालातों का जायजा लिया है. नौसेना की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक समुद्री लुटेरे हाईजैक किए जहाज को सोमालिया की तरफ ले जा रहे हैं. यूरोपियन यूनियन और स्पेन ने भी जहाज को बचाने के लिए अपने नेवल फ़ोर्स को काम पर लगाया है.
देखें कहां से हाईजैक हुआ माल्टा का जहाज
1990 के बाद बढ़े सोमालिया में समुद्री लुटेरे
सोमालिया वो देश है जिसके समुद्र में मछलियों का अथाह भंडार है. 1990 तक सोमालिया की अर्थव्यवस्था मछलियों से ही चलती थी. तब यहां समुद्री लुटेरों का कोई डर नहीं था. ज्यादातर लोग मछली का व्यापार करते थे. फिर यहां सिविल वॉर शुरू हो गया. सरकार और नौसेना नहीं रही. इसका फायदा विदेशी कंपनियों ने उठाया।
सोमालिया के लोग छोटी नावों में मछली पकड़ते थे. उनके सामने विदेशी कंपनियों के बड़े-बड़े ट्रॉलर आकर खड़े हो गए. लोगों का रोजगार छिनने लगा. इससे परेशान सोमालिया के लोगों ने हथियार उठा लिए और समुद्री लुटेरे बन गए. समुद्री मालवाहक जहाजों का एक बड़ा जखीरा सोमालिया कोस्ट के पास से होकर गुजरता था.
मछुआरों से लुटेरे बने लोगों ने इन जहाजों को निशाना बनाना शुरू किया। जहाज छोड़ने के बदले वो फिरौती लेने लगे. साल 2005 तक ये धंधा इतना बड़ा हो गया कि एक पाइरेट स्टॉक एक्सचेंज बना दिया गया. यानी लुटेरों के अभियान को फंड करने के लिए लोग उनमें इन्वेस्ट कर सकते थे. बदले में लोगों को लूटी हुई रकम का एक बड़ा हिस्सा मिलता था.