Malegaon Blast Case : मालेगांव विस्फोट केस में 17 साल बाद आज एनआईए कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए साध्वी प्रज्ञा ठाकुर, कर्नल पुरोहित समेत सात आरोपियों को बरी कर दिया है। कोर्ट ने कहा इनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है, न कोई बम मिला और न फ़्रीडम बाइक जिससे ब्लास्ट हुआ था। इस मामले में हिन्दू आतंकवाद शब्द की भी खूब चर्चा हुई। जिसके चलते अब भाजपा ने इसे सियासी रूप देते हुए भगवा जीत कहा है। इससे यह स्पष्ट हो रहा है कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद भाजपा का अगला सियासी मास्टर स्ट्रोक ‘हिंदू आतंकवाद नहीं है’ होगा।
मालेगांव ब्लास्ट केस से बीजेपी को सियासी फायदा
मालेगांव बम विस्फोट मामले में आरोपियों को ऐसे समय में बरी किया गया है जब बिहार में विधानसभा चुनाव 2025 होने हैं। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का असर पहले ही चुनाव में विपक्ष पर भारी पड़ रहा है। अब ऐसे में ‘हिन्दू आतंकवाद’ पर भगवा की जीत हो गई है। यानी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के लिए हिन्दू वोटर कार्ड फिर से एक बड़ा राजनीतिक मास्टर स्ट्रोक साबित हो सकता है। बीजेपी हिंदुत्व के एजेंडे को मजबूती से आगे बढ़ाने का कार्य कर सकती है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले ही विपक्ष को खामोश कर चुके हैं। अब मालेगांव बम विस्फोट प्रकरण के साथ बीजेपी के नेता ‘हिंदुत्व की पटरी पर बीजेपी की रेल’ दौड़ाएंगे।
बिहार चुनाव में ‘हिन्दू आतंकवाद’ पर होगा वॉर
सत्ता की लड़ाई में बीजेपी अब बिहार में खुलकर उन लोगों के खिलाफ शंखनाद करेगी जिन्होंने ‘हिन्दू आतंकवाद’ शब्द गढ़ा था। पार्टी हिंदू आबादी को अपनी तरफ खींचने की कोशिश करेगी। बीजेपी बिहार की जनता के सामने यह सवाल भी रखेगी कि “कौन लौटाएगा वो 17 साल?” साध्वी प्रज्ञा के इन 17 सालों की आड़ में राहुल गांधी, दिग्विजय सिंह, पी. चिदंबरम सहित तमाम वामपंथी दलों और समाजवादी पार्टियों के नेताओं को कठघरे में खड़ा करने के लिए बीजेपी एक मुहिम चलाएगी। वे ‘हिंदू आतंकवाद’ की परिभाषा पूछेंगे और ‘सत्य और सनातन की जीत’ जैसे नारों से बिहार को पाट देंगे। यह भी संभव है कि पूर्व सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को बिहार विधानसभा चुनाव में स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल कर बीजेपी 80 प्रतिशत वोटों की बाजी खेल दे।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ को मजबूत करेगा मालेगांव बम ब्लास्ट केस
मालेगांव बम विस्फोट मामला ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को और मजबूत करेगा। बीजेपी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को ‘100% सफल’ सैन्य कार्रवाई के रूप में प्रचारित किया है, जिसका बड़ा प्रभाव पड़ा है। 30 मई 2025 को बिक्रमगंज की रैली में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था, “पाकिस्तान ने भारत की बेटियों के सिंदूर की ताकत देखी।” प्रधानमंत्री मोदी का यह बयान न केवल राज्य की जनता की नजरों में राष्ट्रीय सुरक्षा की ताकत को दर्शाता है, बल्कि बिहार की महिला मतदाताओं को भी राष्ट्रवाद की नीति से जोड़ता है। संसद में भी प्रधानमंत्री मोदी ने इसे ‘राम की नीति’ से जोड़कर मतदाताओं के एक बड़े वर्ग, खासकर सवर्ण, ओबीसी और ग्रामीण मतदाताओं को अपनी तरफ आकर्षित किया है।
प्रज्ञा साध्वी बोली- यह फैसला कांग्रेस के गाल पर तमाचा
बीजेपी प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने इस फैसले पर खुशी जताते हुए कहा कि कर्नल पुरोहित और साध्वी प्रज्ञा को इस मामले से बरी किया जाना “कांग्रेस के गाल पर करारा तमाचा है।” उन्होंने कहा कि कांग्रेस की कहानी फेल हो गई। हिंदुओं को आरोपी बनाने के चक्कर में असली गुनहगारों को बचा लिया गया, जो एक दोहरा पाप है। पटेल ने आरोप लगाया कि यह सब कांग्रेस की साजिश थी और उन्हें फर्जी तरीके से फंसाया गया था। यह कांग्रेस के ‘भगवा आतंकवाद’ साबित करने का हिस्सा था। उन्होंने सोनिया गांधी, उस समय के गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे, राहुल गांधी और दिग्विजय सिंह से पूरे देश से माफी मांगने की मांग की।
मालेगांव बम विस्फोट मामले में क्या हुआ था?
29 सितंबर 2008 को महाराष्ट्र के मालेगांव में अंजुमन चौक और भीकू चौक के बीच शकील गुड्स ट्रांसपोर्ट के सामने रात 9.35 बजे एक बम धमाका हुआ था। इस धमाके में छह लोगों की जान चली गई थी और 101 लोग घायल हुए थे। धमाके के लिए एक मोटरसाइकिल का इस्तेमाल किया गया था। इस मामले में बीजेपी नेता साध्वी प्रज्ञा और लेफ़्टिनेंट कर्नल श्रीकांत पुरोहित सबसे चर्चित अभियुक्त रहे थे, जो जेल में बंद थे और सभी को बरी कर दिया गया है। इस दौरान साध्वी प्रज्ञा का बयान सामने आया जिसमें उन्होंने कहा कि झूठे केस की वजह से उन्हें जेल में काफ़ी सहना पड़ा।