Malegaon Blast Case : आज से करीब 17 साल पहले महाराष्ट्र के मालेगांव में एक भीषण बम धमाका हुआ जिसमें 6 लाेगों ने अपनी जान गंवा दी और 100 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। जिसका मामला वर्ष 2008 से कोर्ट में लंबित है।एक लंबे अंतराल के बाद इस मामले ने तूल पकड़ी है, दरअसल 17 साल के बाद इस मामले पर फैसला आने की संभावना है। आपको बता दें कि इस मामले में प्रज्ञा ठाकुर समेत कई चर्चित चेहरे आरोपी हैं। आपको बता दें किदेश की सबसे चर्चित आतंकी घटनाओं में से एक, 2008 मालेगांव बम धमाका केस में 17 साल बाद 31 जुलाई को जस्टिस एके लाहोटी अपना फैसला सुना सकते हैं।
रमज़ान के महीने में हुआ था ये भीषण धमाका। Malegaon Blast Case
दरअसल, साल 2008 में रमज़ान के महीने में महाराष्ट्र के मालेगांव शहर में एक बड़ा बम धमाका हुआ था, जिसमें 6 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी और 100 से ज़्यादा घायल हुए थे। यह धमाका 29 सितंबर 2008 की शाम को भीड़भाड़ वाले भिक्कू चौक पर एक मस्जिद के पास हुआ था। आपको बता दें कि दंगाइयों ने पूरी योजना बनाकर इस घटना को अंजाम दिया था। बम एक मोटरसाइकिल में लगाया गया था, जिसके बाद मोटरसाइकिल को घटनास्थल पर ही खड़ा कर दिया गया था। इसके बाद जब बम फटा, तो धमाका इतना ज़बरदस्त था कि आस-पास के कई घर और दुकानें भी क्षतिग्रस्त हो गईं।
धमाके में हिंदू संगठनों का हाथ होने का शक। Malegaon Blast Case
धमाके के तुरंत बाद महाराष्ट्र एटीएस ने जाँच शुरू कर दी थी। शुरुआती जाँच में ही शक की सुई कुछ हिंदू संगठनों की ओर घूम गई। एटीएस ने विस्फोट स्थल से एक एलएमएल फ्रीडम मोटरसाइकिल बरामद की। इस मामले में कई गिरफ्तारियाँ हुईं। मालेगांव विस्फोट के मुख्य आरोपी भोपाल से भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर और भारतीय सेना के सेवारत अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित थे। इनके अलावा, रमेश शिवाजी उपाध्याय (सेवानिवृत्त मेजर), समीर शरद कुलकर्णी, अजय राहिरकर, सुधाकर द्विवेदी और सुधाकर चतुर्वेदी को भी आरोपी बनाया गया था।
किस किस पर लगा इस विस्फोट का आराेप?
1- प्रज्ञा सिंह ठाकुर: आरोप है कि प्रज्ञा ठाकुर बम विस्फोट की साजिश रचने वाली बैठकों में शामिल थीं। सबसे अहम आरोप यह है कि जिस मोटरसाइकिल (एलएमएल फ्रीडम) पर बम रखा गया था, वह उनकी थी। यानी साजिश में सक्रिय भागीदारी, हथियार/वाहन उपलब्ध कराना।
2- लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित: श्रीकांत पुरोहित को इस पूरी साजिश का मास्टरमाइंड माना जाता था। उन पर ‘अभिनवभारत’ नामक एक संगठन बनाने का आरोप है, जिसका उद्देश्य हिंदू राष्ट्र की स्थापना के लिए चरमपंथी गतिविधियों को अंजाम देना था।यह भी आरोप है कि उसने विस्फोटकों का प्रबंध किया और षड्यंत्रकारी बैठकों में प्रमुख भूमिका निभाई। यानी, षड्यंत्र का मुख्य सूत्रधार, संगठन का गठन, विस्फोटकों और हथियारों की व्यवस्था।
3- मेजर रमेश उपाध्याय (सेवानिवृत्त): अभिनव भारत से जुड़े होने और उन षड्यंत्रकारी बैठकों में शामिल होने का आरोप, जहाँ कथित तौर पर बम विस्फोटों की योजना बनाई गई थी। यानी, षड्यंत्र में सक्रिय भागीदारी, बैठकें आयोजित करना।
4- अजय राहिरकर: बम विस्फोटों के लिए धन इकट्ठा करने और वितरित करने का आरोप। यानी, वित्तीय सहायता प्रदान करना, धन का प्रबंधन करना।
5- सुधाकर द्विवेदी (उर्फ शंकराचार्य/दयानंदपांडे): षड्यंत्रकारी बैठकों में शामिल होने और धार्मिक आख्यानों का उपयोग करके षड्यंत्रकारियों को प्रेरित करने का आरोप।
6- सुधाकर चतुर्वेदी: षड्यंत्रकारी बैठकों में शामिल होने का आरोप।
7- समीर कुलकर्णी: मालेगांव विस्फोट की साजिश का आरोपी।