सतना। एमपी के सतना जिले में एक बच्चे की कुपोषण से मौत हो जाने पर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ल की नाराजगी के बाद स्वास्थ विभाग की कार्रवाई से हड़कम्प मच गया है। जानकारी के तहत मझगवां विकासखंड के मरवा गांव में 4 माह के अतिगंभीर कुपोषित रजा की मौत हो गई थी। जिस पर अब एक्शन लिया गया है।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बर्खास्त
कुपोषण से बच्चे की मौत मामले में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एलके तिवारी द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता शकुन गौतम को बर्खास्त कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त, दो आशा कार्यकर्ता उर्मिला सतनामी और प्रियंका श्रीवास्तव को भी कार्य से पृथक कर दिया गया है। मामले में संबंधित तीन अन्य कर्मचारियों का इंक्रीमेंट रोक दिया गया है, जबकि चार अन्य को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
इस तरह की लापरवाही
जांच के दौरान यह सामने आया कि आसमा बानो और उनका बेटा गांव में ही रहते थे, और बच्चे को केवल बीमार होने पर ही सतना ले जाया गया था। बच्चे को न तो एनआरसी में भर्ती कराया गया और न ही उसका अतिगंभीर कुपोषित श्रेणी में पंजीयन किया गया। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने गृह-भेंट भी नहीं की थी। एसडीएम के अनुमोदन के बाद मरवा गांव की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता शकुन गौतम की सेवाएं समाप्त की गई।
इन पर भी कार्रवाई
इसी मामले में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों को मिलाकर 7 लोग भी लपेटे में आए हैं। ब्लॉक कम्युनिटी मोबिलाइजर देवमुनि पटेल को नोटिस देकर 7 दिनों की तनख्वाह काटने के निर्देश हैं। इसके अलावा मेडिकल ऑफिसर डॉ. शारदा प्रसाद श्रीवास्तव, सुपरवाइजर आरके शुक्ला और एएनएम लक्ष्मी रावत का 1-1 दिन की वेतनवृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकी गई है। वहीं, आरबीएसके चिकित्सक डॉ. पूजा शुक्ला, डॉ. धनेश द्विवेदी और सीएचओ उदय डोहर पर भी आरोप तय किए गए हैं।

 
		 
		 
		