Pune Bridge Collapse News In Hindi: महाराष्ट्र के पुणे जिले के मावल तालुका में रविवार को एक दुखद हादसा हो गया। जब इंद्रायणी नदी पर बना एक पुराना जर्जर पुल अचानक ढह गया। इस हादसे में 15 से 30 पर्यटकों के नदी के तेज बहाव में बह जाने की आशंका जताई जा रही है। स्थानीय प्रशासन और एनडीआरएफ की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। अब तक 5-6 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि कई अन्य अभी भी लापता हैं।
कैसे हुआ हादसे
यह घटना दोपहर करीब 3:30 बजे कुंडमाला पर्यटन स्थल के पास हुई, जो तलेगांव दाभाड़े शहर के निकट एक प्रसिद्ध स्थान है। जानकारी के अनुसार, भारी बारिश और नदी के बढ़े हुए जलस्तर के कारण यह जर्जर पुल अचानक टूट गया। बताया जा रहा है कि पुल को कुछ महीने पहले ही प्रशासन द्वारा वाहनों के लिए बंद कर दिया गया था, लेकिन कोई चेतावनी बोर्ड या बैरिकेडिंग न होने के कारण पर्यटक इस पर चढ़ गए।
हादसे के वक्त पल पर मौजूद थे 100 से ज्यादा लोग
हादसे के समय पुल पर 100 से 120 लोग मौजूद थे, जिनमें कई बच्चे और महिलाएं भी शामिल थे। कुछ लोग नदी के तेज बहाव को देखने और फोटो खींचने के लिए पुल पर रुके थे। अचानक पुल का आधा हिस्सा ढह गया, जिससे कई लोग नदी में गिर गए। कुछ लोग तैरकर बाहर निकल आए, लेकिन अधिकांश तेज धारा में बह गए।
प्रशासन द्वारा राहत और बचाव का कार्य जारी
हादसे की सूचना मिलते ही पिंपरी-चिंचवड़ और तलेगांव दाभाड़े पुलिस, एनडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन की टीमें मौके पर पहुंचीं। गोताखोरों की मदद से लापता लोगों की तलाश की जा रही है। अब तक 5-6 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है, लेकिन कुछ लोग अभी भी लापता हैं। 15 एम्बुलेंस भी मौके पर तैनात की गई हैं।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी जताया दुख
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने घटना पर दुख व्यक्त करते हुए कहा- मावल में पुल ढहने की घटना अत्यंत दुखद है। मैंने प्रशासन के साथ बात की है, और राहत कार्य पूरे जोर-शोर से चल रहे हैं। घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया है, और एनडीआरएफ की टीमें लापता लोगों की तलाश में जुटी हैं।
भारी बारिश के कारण हुआ हादसा
पिछले दो दिनों से मावल और आसपास के क्षेत्रों में भारी बारिश हो रही है, जिसके कारण इंद्रायणी नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया था। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक बारिश जारी रहने की चेतावनी दी है, जिसके चलते प्रशासन ने निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है।
प्रशासन की लापरवाही पर उठ रहे सवाल
स्थानीय लोगों और पर्यटकों ने प्रशासन की लापरवाही पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि पुल कई वर्षों से जर्जर हालत में था, और इसकी मरम्मत या पुनर्निर्माण की कोई व्यवस्था नहीं की गई। एक स्थानीय निवासी ने बताया, पुल को 2-3 महीने पहले बंद कर दिया गया था, लेकिन न तो कोई पुलिसकर्मी था और न ही कोई बैरिकेडिंग। लोग आसानी से पुल पर चढ़ रहे थे। कुछ लोगों का यह भी कहना है कि पुल को तोड़ने का टेंडर हो चुका था, फिर भी लोगों के प्रवेश पर कोई रोक नहीं लगाई गई।