सिंगरौली। एमपी के सिंगरौली में त्रिकूट पर्वत पर झांपि मइया 1100 फिट की उॅचाई पर विराजमान है। बताया जाता है कि मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर पिपरा में उॅचे पर्वत पर मां की प्रतिमा स्थापित है। यहां मइया के भक्त नवरात्रि और नवदुर्गा में विशेष तौर से पूजा-अर्चना करने के लिए पहुचते है। बताया जाता है कि मां की महिमा अद्रभुद है और उन्हे मैहर वाली शारदा माता का स्वरूप माना जा रहा है।
ऐसी प्रचलित है मान्यताएं
इस मंदिर को लेकर पौराणिक और ऐतिहासिक कथाएं प्रचलित हैं, मान्यता है कि यहां मां झापी भगवती ग्रामीणों को आवाज देकर पुकारती हैं और प्राकृतिक आपदा से सुरक्षित करती हैं। हर आपदा-विपदा का मइया जानकारी देती है और ऐसी आपदा से सभी की रक्षा करती है।
1100 फिट की उॅचाई पर माता की प्रतिमा होने के चलते भक्त काफी संघर्ष करके मंदिर तक पहुचते है, क्योकि यहां के रास्ते काफी कठिन है और उॅचाई पर चढ़ने के लिए न तो कोई सक्षम रास्ता है और न ही बिजली पानी की कोई सुविधा उपलब्ध है। भक्तों का कहना है कि वे मां की असीम शक्ति से ही मां के मंदिर तक पहुच पाते है और अपनी मान्यताएं पूरी करते है। भक्तों का कहना है कि शक्ति स्वरूपा मां भक्तों की प्रार्थना सुनती है और उनके कष्टों को दूर करती है।
डकैत नही ले जा सकें थे प्रतिमा
झांपि मइया की शक्ति को बताते हुए मंदिर के पुजारी सुधीर पांडे ने बताया कि वर्षो पहले इस मंदिर में डकैत घुस गए थें और वे माता जी की प्रतिमा ले जाने का प्रयास करते रहें, लेकिन वे प्रतिमा ले जाने में सफल नही हो पाए, उनके भारी प्रयास के बाद भी डकैत मां की प्रतिमा को टस-से-मस नही कर सकें। आवेश में उन्होने प्रतिमा पर प्रहार भी किए थें, जिसके निशान प्रतिमा में मौजूद है।