मध्य प्रदेश चुनाव के मद्देनज़र आचार संहिता लागू होने से पहले शिवराज सरकार ने सतना के मैहर और छिंदवाड़ा के पांढुर्ना को जिला बनाने का आदेश जारी कर दिया है.
मैहर और पांढुर्ना बने जिला: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले शिवराज सरकार ने बड़ी घोषणा कर दी है. सतना के ‘मैहर’ और छिंदवाड़ा के ‘पांढुर्ना’ को मध्य प्रदेश सरकार ने जिला बनाने का आदेश जारी कर दिया है. इस एलान से दोनों क्षेत्रों की जनता में काफी उत्साह है. ख़ुशी हो भी क्यों नहीं आखरी दशकों से उठ रही मांग जो पूरी हुई है. गौरतलब है कि अगस्त के महीने में ही रीवा के ‘मऊगंज’ को जिला घोषित किया गया था.
बता दें कि मैहर और पांढुर्ना को जिला बनाने की मांग लंबे समय से चली आ रही थी. शिवराज के मंत्रिमडल से दोनों तहसीलों को जिला बनाने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी. बताया गया है कि छिंदवाड़ा से अलग होकर नया जिला बने पांढुर्ना में दो तहसीलें होंगी ‘पांढुर्ना और सौसर जबकि सतना से अलग होकर नया जिला बने मैहर में अमरपाटन, रामनगर और मैहर यानी 3 तहसीलें होंगी।
5 सितंबर को सीएम चौहान ने की थी घोषणा
मध्य प्रदेश के मुख्य मंत्री शिवराज सिंह चौहान को यह आभास हो गया था कि 15 अगस्त को रीवा के मऊगंज को जिला घोषित किए जाने के बाद मैहर की जनता उनसे नाराज हो गई है. ऐसे में मऊगंज को जिला बनाने के बाद सीएम चौहान ने अगले महीने 5 सितंबर को मैहर को भी जिला बनाने की घोषणा कर दी थी.
2020 में ही जिला बन जाता मैहर
साल 2020 में जब मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी तब तत्कालीन सीएम कमलनाथ ने 18 मार्च 2020 को मैहर को जिला घोषित कर दिया था. लेकिन कुछ दिनों बाद ही कमलनाथ सरकार गिर गई और शिवराज सिंह चौहान फिर से एमपी के मुख्य मंत्री बन गए. राज्य में बीजेपी की वापसी हुई तो पिछली सरकार की घोषणाओं को निष्क्रीय कर दिया गया. वरना मैहर 3 साल पहले ही जिला बन जाता।
मैहर जिला में पटवारी हल्के
मैहर जिले के मुख्यालय मैहर रहेगा। मैहर तहसील में 112 पटवारी हल्के होंगे, अमरपाटन के सभी 53 और रामनगर के कुल 59 पटवारी हल्के मिलकर मैहर जिले में टोटल 234 पटवारी हल्के होंगे। मैहर के जिला बनने के बाद अब सतना में सिर्फ 496 पटवारी हल्के रह गए हैं.
पांढुर्ना जिला में पटवारी हल्के
पांढुर्ना तहसील में 74 हल्के तथा सौंसर के 63 पटवारी हल्के मिलकर पांढुर्ना जिले में कुल 137 पटवारी हल्के होंगे। पांढुर्ना के गठन के बाद छिंदवाड़ा में 12 तहसीलें अमरवाड़ा, उमरेठ, चांद, चौरई, छिंदवाड़ा, छिंदवाड़ानगर, जुनारदेव, तामिया, परासिया, बिछुआ, मोहखेड़, हर्रई के हल्के कुल 686 हल्के शेष रहेंगे।
मध्य प्रदेश में कितने जिले हैं?
ये सवाल अब एमपी में रहने वाले लोगों और प्रतियोगी परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों के लिए बहुत जरूरी हो गया है. 2023 के पहले तक तो एमपी की पब्लिक को यही पता था कि मध्य प्रदेश में कुल 52 जिले हैं. 53वां जिला मऊगंज है और 54वां-55वां जिला पांढुर्ना और मैहर हैं. तो अब आपसे किसी परीक्षा में पुछा जाए कि ‘मध्य प्रदेश में जिलों की संख्या कितनी है?’ तो आप 55 में टिक मारके आइयेगा।
अभी दो जिले और बन सकते हैं
शिवराज सरकार ने मऊगंज के बाद 4 नए जिले बनाने की घोषणा की थी. जिनमे पांढुर्ना और मैहर के अलावा उज्जैन का ‘नागदा’ और शिवपुरी का ‘पिछोर’ शामिल है. ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि आचार संहिता लगने से पहले इन दोनों क्षेत्रों को भी जिला बनाने का आदेश जारी कर किया जाएगा। ऐसे होने के बाद आधिकारिक रूप से मध्य प्रदेश 57 जिलों वाला राज्य बन जाएगा।