Mahukshita Mahotsava Season-2 : रीवा। राजपूत लेडीज एसोसिएशन रीवा का दशहरा मिलन व सामूहिक शस्त्र पूजन, राजपूत लेडीज एसोसिएशन रीवा ने ‘दशहरा मिलन’ और ‘सामूहिक शस्त्र पूजन’ का आयोजन उत्साहपूर्वक मनाया। राजपूत लेडीज एसोसिएशन (क्लब) रीवा द्वारा होटल सायाजी में ‘महिक्षिता महोत्सव सीजन-2’ के तहत ‘दशहरा मिलन’ और ‘सामूहिक शस्त्र पूजन’ का भव्य आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि युवरानी वसुंधरा राज लक्ष्मी जी सहित विभिन्न शहरों से विशिष्ट अतिथियों की गरिमामयी उपस्थिति रही। राजपूत लेडीज एसोसिएशन (क्लब) रीवा द्वारा आयोजित “महिक्षिता महोत्सव सीजन-2” का रंगारंग आयोजन “दशहरा मिलन” एवं “सामूहिक शस्त्र पूजन” के रूप में होटल सायाजी में बड़े उत्साह और उल्लास के साथ संपन्न हुआ। कार्यक्रम में पारंपरिक गरिमा और सांस्कृतिक सौंदर्य का सुंदर संगम देखने को मिला।
गरिमामयी अतिथियों की उपस्थिति
इस अवसर की मुख्य अतिथि युवरानी साहब रीवा वसुंधरा राज लक्ष्मी जी रहीं। साथ ही जबलपुर से रॉयल राजपूत क्लब की आराधना चौहान जी, जो समाजसेवा में अपने नेक कार्यों के लिए जानी जाती हैं, विशेष रूप से उपस्थित रहीं। सतना से वीरांगना राजपूत क्लब की संस्थापक अर्चना सिंह अपनी टीम मेंबर्स के साथ समारोह में शामिल हुईं। रीवा से डॉ. ज्योति सिंह, मीता सिंह, मांडवी सिंह, प्रवीण सिंह (बद्रीका ग्रुप), तथा हेमा सिंह (महाराजा ग्रुप) जैसी विशिष्ट हस्तियों की उपस्थिति ने आयोजन की शोभा बढ़ाई।

सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से सजा समारोह
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन से हुई, जिसके बाद क्लब की सदस्याओं ने पारंपरिक और आधुनिक नृत्यों का आकर्षक मिश्रण प्रस्तुत किया। घूमर, तलवार नृत्य, और बॉलीवुड डांस जैसी प्रस्तुतियों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
संचालन और सम्मान
अतिथियों का स्वागत राजपूत लेडीज क्लब रीवा की फाउंडर अर्चना सिंह ने किया। कार्यक्रम का मंच संचालन सुधा सिंह ने गरिमापूर्ण ढंग से किया, जबकि क्लब की अध्यक्ष अनुपमा सिंह ने अंत में धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में क्लब की सभी सदस्याएँ सक्रिय रूप से उपस्थित रहीं और अपने-अपने योगदान से आयोजन को सफल बनाया।

निष्कर्ष – “महिक्षिता महोत्सव सीजन-2” का यह आयोजन न केवल सांस्कृतिक उत्सव था, बल्कि महिला शक्ति, परंपरा और एकता का सशक्त प्रतीक भी रहा। राजपूत लेडीज एसोसिएशन रीवा ने इस कार्यक्रम के माध्यम से समाज में महिला नेतृत्व और परंपरागत मूल्यों के संरक्षण का प्रेरक संदेश दिया।
