बेदखली की कार्रवाई से पहले महुआ मोइत्रा ने खाली किया आवास

MAHUA MOITRA CASE

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने महुआ पर आरोप लगाया था कि उन्होंने लोकसभा में पैसे लेकर सवाल पूछे हैं. इसके बाद लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से मामले की शिकायत की गई थी. मामले की जांच के लिए एथिक्स कमेटी बनाई गई थी. एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट में महुआ को दोषी बनाया गया था, जिसके बाद उनके निष्कासन का प्रस्ताव 8 दिसंबर 2023 को लोकसभा में पेश हुआ था.

कैश फॉर क्वेरी मामले में सांसदी जाने के बाद टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा से सरकारी बंगला भी छिन गया है. उन्होंने 19 जनवरी को दिल्ली के टेलीग्राफ लेन स्थित बंगला नंबर 9 बी खाली कर दिया है. महुआ के वकील ने कहा डायरेक्टर ऑफ़ एस्टेट्स के अधिकारी आज बंगला खाली करवाने आए थे. हालांकि उनके पहुंचने से पहले ही सुबह 10 बजे तक बंगला खाली हो चुका था.

महुआ के वकील ने बताया कि उन्होंने अधिकारियों को बंगले की चाभी सौंप दी है. बेदखली की कोई कार्रवाई नहीं हुई है. डायरेक्टोरेट ऑफ़ एस्टेट्स ने 16 जनवरी को नोटिस भेजकर महुआ से फ़ौरन बंगला खाली करने था. इससे डायरेक्टोरेट ऑफ़ एस्टेट्स ने महुआ को 7 जनवरी और 12 जनवरी को नोटिस भेजा था. कैश फॉर क्वेरी केस में 8 दिसंबर 2023 को महुआ की लोकसभा सदस्य्ता खत्म कर दी गई थी.

हाईकोर्ट ने कहा था कि महुआ को बंगले में रहने का अधिकार नहीं

बंगला खाली करने के लिए डायरेक्टरेट ऑफ़ एस्टेट्स द्वारा नोटिस भेजने के बाद महुआ ने 18 जनवरी को दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी. उन्होंने कहा था कि वे सिंगल महिला हैं और दिल्ली के एक अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है. इसलिए उन्हें बंगले से न निकाला जाए.

हालांकि हाईकोर्ट ने नोटिस पर स्टे ऑर्डर लगाने से इनकार कर दिया था. कोर्ट ने महुआ की याचिका ख़ारिज करते हुए कहा कि उन्हें सरकारी बंगले में रहने का कोई अधिकार नहीं है.

कैश फॉर क्वेरी का था मामला

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने महुआ पर आरोप लगाया था कि उन्होंने लोकसभा में पैसे लेकर सवाल पूछे हैं. इसके बाद लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से मामले की शिकायत की गई थी. मामले की जांच के लिए एथिक्स कमेटी बनाई गई थी. एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट में महुआ को दोषी बनाया गया था, जिसके बाद उनके निष्कासन का प्रस्ताव 8 दिसंबर 2023 को लोकसभा में पेश हुआ था.

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