उमरिया। इन दिनों महुआ पेड़ों से टपक रहा है तो उसे बिनने के लिए ग्रामीण अपनी जान जोखिम में डाल रहे है। ऐसे ही मामले एमपी के उमरिया एवं सीधी जिले से सामने आ रहे है। असल में महुआ ग्रामीणों के लिए आय का साधन है, यही वजह है कि वे इन दिनों सुबह होते ही महुआ के लिए जंगलों की ओर रूख कर रहे है और हादसे का शिकार हो रहे है।
उमरिया में दो लोगो को खा गया टाइगर एक घायल
उमरिया के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व क्षेत्र में इन दिनों वनराज का आंतक है। यहां महुआ बिनने के दौरान वनराज अब तक दो लोगो खा गए जबकि एक महिला गंभीर रूप से घायल है। जानकारी के तहत रविवार की सुबह 38 साल की रीना बैगा महुआ बीनने घर से लगे जंगल में गई थी। झाड़ियों में छिपे बाघ ने उस पर हमला कर घायल कर दिया है, जबकि शनिवार को ग्राम पिपरिया निवासी 14 वर्षीय बालक विजय कोल पर बाघ उस समय हमला कर दिया जब वह महुआ बिन रहा था। बाघ उसे जबड़े में फंसा कर ले गया और बाद में नाले के पास उसका शव पाया गया। इसी तरह बांधवगढ़ के पंपदा रेंज में 2 अप्रैल को कुशवाहा कोठिया गांव के करीब बाघ के हमले में एक महिला की मौत हो गई थी। यह महिला भी महुआ बीन रही थी। लगातार बाघ के हमले से ग्रामीणों में दहशत व्याप्त है।
सीधी में दो बहनों की मौत
सीधी जिले में महुआ बिन कर लौट रही दो बहनों की तालाब में डूबने से मौत हो गई। जानकारी के तहत सीधी जिले के मझौली थाना अंतर्गत ग्राम पंचायत पांड की यह घटना है। यहा पांड गांव निवासी राम सखा साहू की दोनों बच्चियां राशि व रीना घर से सुबह महुआ बीनने गई हुई थी। दोपहर करीब 11 बजे दोनों बच्चियां गांव में बने तालाब की मेड़ पर महुआ की टोकरी रखकर नहाने उतर गई। जहां ज्यादा गहरा पानी होने के कारण दोनों बहनों की डूबने से मौत हो गई।